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अन्तर्राष्ट्रीय

यहां चुनाव में होती है जमकर धांधली, जीतने वाले का नाम पहले से ही होता है तय!

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नई दिल्ली। भारत में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां जोरों शोरों से चल रहीं हैं। आम चुनाव अप्रैल से लेकर मई के बीच होने वाले हैं। आपको बता दें, कुल सात चरणों में चुनाव होंगे, जिनके नतीजों की घोषणा 23 मई को की जाएगी।

 

चुनाव के बाद ही पता चलेगा की सत्ता की चाभी इस बार किसके हाथ में होगी। चुनावी माहौल के बीच हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चुनाव महज़ एक दिखावा हैं।

 

इस देश का नाम जानकार आपको हैरानी नहीं होगी। यह देश कोई और नहीं उत्तर कोरिया है जो की तानाशाह राजा किम जोंग का गढ़ है। यहां होने वाले चुनाव को दुनिया का सबसे अनोखा चुनाव कहा जाता है।

 

हर पांच साल पर यहां  ‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ के लिए चुनाव होते तो हैं, लेकिन मतदान के दौरान हर मतपत्र पर केवल एक ही उम्मीदवार का नाम होता है और वो नाम है किम जोंग उन।

 

किम जोंग उन को दुनिया उत्तर कोरिया के तानाशाह के तौर पर जानती है। कहा जाता है कि किम जोंग की इजाजत के बिना उत्तर कोरिया में पत्ता तक नहीं हिलता। वो अगर कानून बना दे तो उसे तोड़ने या फिर उसके खिलाफ विरोध करने की हिम्मत किसी में नहीं है।

 

10 मार्च को उत्तर कोरिया में ‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ के चुनाव को लेकर मतदान कराया गया, जिसके नतीजे पहले से ही तय माने जा रहे हैं। यहां के एक चुनाव अधिकारी का कहना है कि उत्तर कोरिया में चुनाव में हिस्सा लेना नागरिकों का कर्तव्य है और यहां ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो उम्मीदवार को नकार दे।

 

यहां मतदाताओं को मतदान करते हुए मतपत्र पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ ही लिखना होता है। आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ के मुताबिक, पिछले चुनाव में यहां 99.97 फीसदी मतदान हुआ था। सिर्फ वही लोग चुनाव में मतदान नहीं कर पाए थे, जो देश से बाहर थे।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी कोर्ट ने इस देश के पूर्व राष्ट्रपति को सुनाई 45 साल की सजा, लगाया इतना तगड़ा जुर्माना

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नई दिल्ली। अमेरिका में सैकड़ों टन कोकीन की तस्करी का दोषी ठहराए जाने के बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत ने होंडुरन के पूर्व राष्ट्रपति जुआन ऑरलैंडो हर्नांडेज़ को 45 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनपर 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। हर्नान्डेज़ ने पहले अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। बुधवार को अपनी सजा सुनाते समय, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह निर्दोष हैं और उनपर गलत और अन्यायपूर्ण तरीके से आरोप लगाया गया था।

अमेरिकी कोर्ट ने कहा, “हर्नांडेज़ की भूमिका कांग्रेस के अध्यक्ष और होंडुरास के राष्ट्रपति के रूप में अपनी राजनीतिक शक्ति का उपयोग पैसे के बदले में मादक पदार्थों के तस्करों के जोखिमों को सीमित करने के लिए करना था।” उन्होंने कहा कि हर्नांडेज़ ने पुलिस और सैन्य सहायता प्रदान की और 400 टन दवाएं संयुक्त राज्य अमेरिका भेजने में मदद की। बता दें कि इससे पहले मार्च में, न्यूयॉर्क की एक जूरी ने मैनहट्टन संघीय अदालत में दो सप्ताह की सुनवाई के बाद हर्नान्डेज़ को तीन मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपों में दोषी पाया था।

उन्होंने आरोपों से इनकार किया था। 2022 में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा उनके खिलाफ तीन ड्रग-तस्करी और आग्नेयास्त्र-संबंधित आरोप दायर करने के बाद उन्हें होंडुरास से प्रत्यर्पित किया गया था। अभियोजकों ने 55 वर्षीय हर्नांडेज़ पर अपने कार्यकाल के दौरान ड्रग कार्टेल के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया था, क्योंकि होंडुरास से होते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर 400 टन से अधिक कोकीन ले जाया था।

अभियोजकों ने कहा, बदले में हर्नान्डेज़ को लाखों डॉलर की रिश्वत मिली, जिसका उपयोग उन्होंने होंडुरास की राजनीति में अपने उत्थान के लिए किया। हर्नान्डेज़ 2014 से 2022 तक होंडुरास के राष्ट्रपति थे। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, कार्यालय में अपने वर्षों के दौरान, हर्नान्डेज़ ने अपने आंतरिक सर्कल में नशीली दवाओं के तस्करों को संरक्षित और समृद्ध किया। अपनी कार्यकारी शक्ति का उपयोग करके अमेरिका में कुछ दवाओं के प्रत्यर्पण का समर्थन किया। तस्करों ने सत्ता पर उसकी पकड़ को ख़तरा पैदा किया।

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