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प्रादेशिक

मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार बढ़ाई जा रही है कोविड बेडों की संख्याः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार द्वारा कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने की सभी व्यवस्थाए की जा रही हैं। प्रदेश में कोविड प्रबंधन को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू कर इस महामारी को रोकने की कार्यवाही की जा रही है, जिससे संक्रमण के प्रसार में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन टीम को निर्देशित किया है कि प्रदेश में कोविड बेडों की संख्या लगातार बढ़ाई जाए। जिसके क्रम में अब तक एल-1 स्तर के अस्पतालों में 01 लाख 16 हजार तथा एल-2 एवं एल-3 स्तर के अस्पतालों में 65 हजार बेड की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में 2,38,856 कोविड मरीज होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं। इन मरीजों को प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा टेलीफोन के माध्यम से होम आइसोलेशन के मरीजों को चिकित्सीय सलाह भी दी जा रही है।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु साप्ताहिक बंदी में बदलाव करते हुए इसे अब शुक्रवार रात्रि 08.00 बजे से मंगलवार प्रातः 07.00 बजे तक करने का निर्णय लिया गया है। इस अवधि में केवल आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं ही जारी रहेंगी। औद्योगिक गतिविधियां, माल ढुलाई तथा वैक्सीनेशन का कार्य साप्ताहिक बंदी में भी जारी रहेंगे। इस अवधि में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई तथा सैनिटाइजेशन का अभियान चलाया जायेगा। प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता निरन्तर बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले कोविड संक्रमण की अपेक्षा इस बार का कोविड संक्रमण 30-50 गुना अधिक है। राज्य सरकार सभी व्यवस्था की समुचित तैयारी कर रही है ताकि कोरोना से मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके। प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है। 01 मई, 2021 से 18-35 आयु वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जायेगा। इसके लिए 01 करोड़ डोज का आर्डर किया गया है। कोविड वैक्सीनेशन के लिए पात्र व्यक्ति अपना वैक्सीनेशन जरूर करवायें।

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज आयुष के चिकित्सकों से संवाद कर करेंगे तथा पिछले बार की तरह इस बार भी कोविड संक्रमण में सहयोग के लिए कहेंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार आयुष विभाग के द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों को काढ़ा आदि देने एक अभियान चलाया गया था, जिससे कोविड संक्रमित मरीजों को काफी राहत मिली थी। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा एक अभियान चलाकर समाज के हर वर्ग से वार्ता करके उनका कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग अपेक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड संक्रमण में सहयोग कर रहे लोगों से उनकी सलाह भी ली जा रही है। मुख्यमंत्री जी द्वारा एक टीम भावना के साथ कार्य करते हुए कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

अपर मुख्य सचिव गृह एवं गोपन अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में 600 मी0टन से अधिक की ऑक्सीजन सप्लाई की गई है। उन्होंने बताया कि  हिण्डन कंपनी के 02 बड़े 29 टन के ऑक्सीजन टैंकर की सप्लाई केजीएमयू तथा एसजीपीजीआई की गई है। इसके साथ ही केजीएमयू में ऑक्सीजनयुक्त बेडों की संख्या बढ़ाने की व्यवस्था कर दी गई। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर से ऑक्सीजन के टैंकर प्राप्त करने करने की व्यवस्था की गई है। 84-85 टैंकरों को अपग्रेड किया जा रहा है। इन टैंकरों को आने व जाने के लिए ग्रीन काॅरिडोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज 03ः30 बजे बोकारो से लखनऊ में ट्रेन के माध्यम 05 आॅक्सीजन टैंकर आगरा एवं कानपुर के लिए आये हैं। लखनऊ एअरपोर्ट से ऑक्सीजन के लिए राँची टैंकर भेजा जाएगा। उन्होंने लोगों से कहा है कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी से संबंधित जानकारी सीधे थाने में दें।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,25,312 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें से 1,07,000 से अधिक आरटीपीसीआर में माध्यम से जांच की गई तथा 23,000 से अधिक निजी प्रयोगशालाओं में जांच की गई।  प्रदेश में अब तक कुल 4,05,53,875 सैम्पल की जांच की गयी है। विभिन्न जनपदों द्वारा गत दिवस 97,126 सैम्पल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश 04 करोड़ से अधिक टेस्ट करने वाला देश में प्रथम राज्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 35,156 नये मामले आये हैं तथा 25,613 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। इस प्रकार अब तक कुल 8,96,477 से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कोरोना के एक्टिव मामलों में से 2,38,856 व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं तथा 7,663 निजी चिकित्सालयों में एवं शेष सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,39,887 क्षेत्रों में 5,78,797 टीम दिवस के माध्यम से 3,37,17,217 घरों के 16,27,38,334 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अब तक 1,41,134 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 21,56,203 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इस प्रकार कुल 1,21,97,337 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 01 मई, 2021 से 18 से 35 वर्ष वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जायेगा, इसके लिए पात्र व्यक्ति अपना पंजीकरण कराते हुए वैक्सीनेशन करायें। कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप संचालित हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने ग्लोबल टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है।

प्रसाद ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों तथा नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल, 2021 तक मान्य था, जिसे बढ़ाकर 31 जुलाई, 2021 कर दिया गया है। लखनऊ में डीआरडीओ का अस्पताल भारत सरकार से वार्ता करके बनाया जा रहा है। पूर्व में प्रधानमंत्री केयर फण्ड के द्वारा 14 आॅक्सीजन जनरेट प्लाण्ट बनाये गये थे। उन्होंने कहा कि आॅक्सीजन उपलब्धता बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। इस बार भारत सरकार को 61 जनपदों में आॅक्सीजन जनरेट प्लाण्ट बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा भी आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्लाण्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत सभी सीएचसी में आॅक्सीजन कंसंटेªटर प्लाण्ट लगाये जायेंगे।

प्रसाद ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को दवाइयों का पैकेट उपलब्धत कराया जा रहा है। दवाइयों का पैकेट उपलब्ध न होने पर होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज कोविड कमाण्ड सेण्टर में फोन करके अपनी दवाइयों का पैकेट मंगा सकते हैं। जो लोग होम आइसोलेशन में हैं अगर वे डाक्टर की सलाह लेना चाहते हैं तो, वे 18001805146, 18001805145 इस हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं।

प्रसाद ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। लोगों के प्रयासों एवं जागरूकता से संक्रमण दर में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन अवश्य करें।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में कुल 57 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 24 शासकीय और 33 निजी मेडिकालेज हैं। इन मेडिकल कालेजों में 18,181 बेड की व्यवस्था की गई है, जिसमें 12,659 आइसोलेशन बेड हैं और 5,522 आईसीयू के बेड हैं। उन्होंने बताया कि 01 मार्च के बाद 9,000 बेड अतिरिक्त बढ़ाये गये हैं, जिसमें 6,000 आइसोलेशन के तथा 2,705 आईसीयू के बेड हैं। उन्होंने बताया कि एक से डेढ़ महीने की अवधि में आईसीयू बेडों की संख्या डबल की गई है। इसके अलावा आरटीपीसीआर की टेस्ट अधिक से अधिक किए जा रहे हैं। आज 1,07,545 टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से किए गए हैं। इन टेस्टों की संख्या को डबल करने के लक्ष्य को लेकर 60 आरटीपीसीआर मशीन क्रय करने आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा 582 टेक्शीनिशियन एवं लैब अटेन्डेट और माइक्रोबायोलाॅजिस्ट के पदों स्वीकृत करते हुए इन पदों को भर लिया गया है।

इनका प्रशिक्षण शुक्रवार से प्रारम्भ होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कई कदम उठाये गये हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन के द्वारा 21 अप्रैल को अपने नोटिफिकेशन में सभी मेडिकल कालेजों के लिए दोनों आॅक्सीजन से चलने वाले संयंत्र जिसमें लिक्एिड तथा एअर बनने वाली ऑक्सीजन हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग द्वारा सभी मेडिकल कालेजों में दोनों तरह के आॅक्सीजन संयंत्र लगायेंगे। जिसके क्रम में अभी 17 सरकारी मेडिकल कालेजों में एअर आॅक्सीजन संयंत्र प्लाण्ट लगाने का आर्डर किया जा रहा है और जिसे मई के आखिरी तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन

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 महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।

महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।

महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान

महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।

प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम

दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।

महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार

महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।

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