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प्रादेशिक

पिछले एक सप्ताह में कोविड के नये मामलों में लगभग 10 हजार की कमी आई हैः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के माध्यम से घर घर जा कर लोगों से कोविड के लक्षणों की जानकारी दी जा रही है। सर्विलान्स के माध्यम से अब तक 16.23 करोड़ लोगों तक पहुच कर उनका हाल-चाल जाना गया है। उन्होंने बताया कि सर्विलान्स के साथ-साथ 97 हजार राजस्व गावों में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। गांव में निगरानी समिति के द्वारा गांव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों की आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है।

कल लगभग 60 हजार से अधिक एन्टीजन टेस्ट किये गये है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारीयों को निर्देश दिये गये है कि गांव में पंचायत/स्कूल/सरकारी भवन में आइसोलेशन केन्द्र की व्यवस्था करते हुये इन केन्द्रों पर आवश्यक मूलभूत सुविधायंे उपलब्ध करना सुनिश्चित करेंगें। सहगल ने बताया कि वर्तमान कुल एक्टिव केस 2,54,118 है जो विगत दिवस से लगभग 5 हजार कम तथा कोविड संक्रमण के पीक के समय 3,10,783 से लगभग 56 हजार कम हुयी है। इसी तरह में पिछले एक सप्ताह में कोविड के नये मामलों में लगभग 10 हजार की कमी आयी है। उन्होंने बताया कि विगत 24 घण्टों में 2 लाख 42 हजार से अधिक टेस्ट हुये हैं तथा 28 हजार से अधिक नये कोविड के मामले आये है। प्रदेश में संक्रमण की दर में निरन्तर कमी आ रही है। प्रदेश में संक्रमण की दर लगभग 10 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमण अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कम है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक लोगों का कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिसके तहत अभी तक लगभग 86 हजार लोगों को 18 से 44 आयु वर्ग में वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश अब तक 1 करोड़ 8 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगाई जा चुकी है। इनमें से लगभग 26 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। सोशल डिस्टेसिंग बनी रहे इसलिए 45 वर्ष से अधिक लोगों को अब प्रथम डोज लगवाने के लिए आॅनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड मरीजों के इलाज के लिए निरन्तर कोविड बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन आपूर्ति में बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में 1032 मी0टन आक्सीजन की सप्लाई की गयी है। इसे निरन्तर बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में 90 टैंकर आॅक्सीजन से सम्बंधित कार्य हेतु क्रियाशील हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 300 अस्पतालों में हवा से आॅक्सीजन बनाने के प्लांट लगाये जा रहे है। जिसमें से 90 अस्पतालों में हवा से आक्सीजन बनाने के प्लांट पहले से ही स्वीकृत है, उन पर कार्य चल रहा है।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये है कि सभी जिलों के इन्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर मे न्यूनतम 10 फोन लाइन हर जिले में हो, जिससे अधिक से अधिक होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से सम्पर्क किया जा सके। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीजों को टेली कन्सलटेशन के माध्यम से चिकित्सीय सुझाव व सलाह निरन्तर दी जाये। इसके अलावा शत-प्रतिशत होम आइसोलेशन वाले मरीजों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है। श्री सहगल ने बताया कि सभी अस्पतालों में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिये गये है। यह नोडल अधिकारी अपने अस्पताल में आने वाले कोविड मरीजों को भर्ती कराने, बेड उपलब्ध कराने तथा आक्सीजन उपलब्ध कराने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेगें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अस्पतालों में एक और नोडल अधिकारी की नियुक्त करने के निर्देश दिये गये है। यह नोडल अधिकारी अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज के परिजन को मरीज के सम्बन्ध में उसकी स्थिति से अवगत करायेगा।

श्री सहगल ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये हंै। इसके अलावा जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे ऐसे 660 औद्योगिक संस्थानों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। इन सेंटरों में 2,180 कोविड बेड है। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।
श्री सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। जिसके तहत प्रदेश में 10 मई सोमवार प्रातः 07 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है। इस अवधि में पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फाॅगिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 54 हजार गांवों में 73 हजार कर्मचारियों के माध्यम से सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इसी तरह शहरों मंे 81 हजार कर्मचारियों के द्वारा सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा 10 हजार गांवों में तथा 5 हजार इलाकों में फाॅगिंग की गयी है।

श्री सहगल ने बताया कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गयी है। इसी प्रकार, सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कार्मिक क्षमता से ही कार्य लिया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारी/कर्मचारी शासन द्वारा अनुमन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति के नियमों के अंतर्गत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद कर सकते हैं।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित है। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 17,61,503.02 मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है।

श्री सहगल ने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,42,276 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें से 01 लाख 27 हजार से अधिक निजी एवं सरकारी संस्थानों में आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 28,076 नये मामले आये हैं तथा 33,117 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। अब तक 11,84,688 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।
श्री कुमार ने बताया कि 18 से 44 तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। अब तक 1,08,51,474 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 26,64,652 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। उन्होंने बताया कि 45 से अधिक उम्र के 89,38,498 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 15,01,034 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। 18 से 44 वर्ष वाले लोगों को अब तक 85,946 का वैक्सीनेशन किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 70 हजार कोविड बेड है। जिनमें 54 हजार 934 आॅक्सीजन युक्त बेड तथा 16 हजार 260 आइसीयू बेड है।

श्री कुमार ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान कुल एक्टिव केस 2,54,118 है जो विगत दिवस से लगभग 5 हजार कम तथा कोविड संक्रमण के पीक के समय 3,10,783 से लगभग 56 हजार कम हुयी है। इसी तरह प्रदेश में संक्रमण के पीक के समय एक्टिव केस की संख्या 38,055 से घटकर वर्तमान में 28,076 हो गयी है। जो लगभग 10 हजार कम है। प्रदेश में कोविड-19 से ठीक होने वालों की संख्या नए मामलों से अधिक चल रही है। उन्होंने बताया कि जनपदों से आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए दिये जाने वाले सैम्पलों का लक्ष्य 70 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 3 हजार 500 कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन

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लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।

इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन

यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।

ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।

किया गया है दायित्वों का निर्धारण

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।

इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित

फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।

हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण

एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।

बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।

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