प्रादेशिक
यूपी में अब तक दी जा चुकी है 16 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद कुशीनगर में श्रम विभाग के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 2,503 कन्याओं के विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। गोरखपुर मण्डल से सम्बन्धित जनपदों की इन कन्याओं का विवाह ‘कन्या विवाह सहायता योजना’ के तहत सम्पन्न हुआ। इसमें जनपद कुशीनगर की 654, जनपद गोरखपुर की 817, जनपद महराजगंज की 634 तथा जनपद देवरिया की 398 कन्याएं सम्मिलित हैं। इस समारोह में 138 मुस्लिम तथा 122 बौद्ध जोड़ों का विवाह भी सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री जी द्वारा 11 नवविवाहित दम्पत्तियों को प्रतीक स्वरूप प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने सामूहिक विवाह समारोह में परिणय सूत्र में बंधने वाले सभी जोड़ों को सौभाग्यशाली बताते हुए उन्हें हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री, मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण की उपस्थिति लोकतंत्र की ताकत को दर्शाती है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित उनके विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि श्रम विभाग ने शासन की योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत की परम्परा में कन्यादान महादान माना गया है। वर्तमान सरकार इस प्रकार के कार्यक्रमों से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जाति, मत, मजहब, क्षेत्र तथा भाषा का कोई भेदभाव नहीं किया गया है। सभी पात्र लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। वर्ष 2017 के पहले भी श्रम विभाग था, लेकिन तब शासन की योजनाओं का लाभ गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाआंे तथा महिलाओं को नहीं मिल पाता था। वर्तमान सरकार के गठन के बाद प्रत्येक जरूरतमन्द को शासन की योजनाआंे का लाभ दिया जा रहा है। बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान दिया, उसमें सभी के लिए समान अधिकार की व्यवस्था की गयी है। केन्द्र और प्रदेश सरकार इसी समान अधिकार के तहत बिना भेदभाव समाज के अन्तिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, निःशुल्क विद्युत कनेक्शन, 05 लाख रुपये की आयुष्मान भारत योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को बिना भेदभाव के दिया जा रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं व्यवस्थित रूप में आगे बढ़ रही हैं।
किसानों को शासन की योजनाओं का पूरा लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार के प्रयास से 43 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराये गये हैं। 02 करोड़ 61 लाख शौचालय, 01 करोड़ 40 लाख गरीबों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन, 01 करोड़ 56 लाख निःशुल्क रसोई गैस, 90 लाख लोगों को निराश्रित महिला पेंशन, वृद्धावस्था पंेशन तथा दिव्यांगजन पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। 02 करोड़ 54 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की गयी है। यह सब तब सम्भव हुआ है, जब अपने-पराये का भेदभाव समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ जब एक साथ मिलते हैं, तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। सामूहिक विवाह का कार्यक्रम इसी का प्रतिफल है। सामूहिक विवाह के दो लाभ होते हैं। इससे बाल विवाह और दहेज प्रथा दोनों पर अंकुश लगता है। उन्होंने कहा कि आज गांव की बेटी सबकी बेटी का भाव देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के कारण कई देशों में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सहित भारत में कोरोना के सफल प्रबन्धन की मिसाल पूरी दुनिया ने देखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश में कोरोना की निःशुल्क जांच तथा उपचार की व्यवस्था के साथ ही सभी को निःशुल्क वैक्सीन भी उपलब्ध करायी है। आज भारत में लगभग 125 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में भी अब तक 16 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जब लॉकडाउन जारी हुआ था, तब उत्तर प्रदेश देश की पहली सरकार थी, जिसने 54 लाख गरीबों, श्रमिकों तथा मजदूरों के लिए भरण-पोषण भत्ते की व्यवस्था की थी।
सरकार ने निःशुल्क खाद्यान्न वितरण भी प्रारम्भ किया, जो अनवरत जारी है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक गरीब को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो निःशुल्क खाद्यान्न तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति यूनिट 05 किलो निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा भी अन्त्योदय कार्डधारकों को 35 किलो निःशुल्क खाद्यान्न के साथ 01 किलो दाल, 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो चीनी, 01 किलो नमक प्रदान किया जा रहा है। इसी प्रकार पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति यूनिट 05 किलो निःशुल्क खाद्यान्न के साथ 01 किलो दाल, 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नेशनल पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू किया है, जिससे श्रमिक कहीं भी अपना राशन प्राप्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रमिक राष्ट्र का निर्माता है। इसके श्रम, परिश्रम तथा पुरुषार्थ से राष्ट्र की नींव पड़ती है। श्रमिक जितना मजबूत होगा, देश भी उतना मजबूत होगा। श्रमिक रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों अथवा जनपदों में भ्रमण करता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इन विद्यालयों के माध्यम से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी, जिससे इनके बच्चे भी महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के हितों में निर्णय लिया है कि कोई भी श्रमिक प्रवासी हो अथवा निवासी हो, उसे 02 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी तथा 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अभी विगत दिनांे जनपद कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। इस एयरपोर्ट में वायु सेवाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। इसके अलावा, जनपद में एक मेडिकल कॉलेज भी बनने जा रहा है, जिससे कुशीनगरवासियों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह मेडिकल कॉलेज जनपद कुशीनगर की शान का प्रतीक होगा।
सामूहिक विवाह के इस कार्यक्रम में प्रत्येक वर-वधू द्वारा मास्क के प्रयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना दुनिया के कई देशों में कहर ढा रहा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश और प्रदेश ने कोरोना पर सफल नियंत्रण पा लिया, लेकिन दुनिया में संक्रमण के नये दौर को लेकर हमें सतर्कता पर पूरा ध्यान देना होगा। इसलिए ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ मंत्र का अनुसरण करते हुए यह भी आवश्यक है कि सभी लोग समय से कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज अवश्य लें। निःशुल्क वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करें। जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं लगवायी है, उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि वैक्सीन ही कोरोना से बचाव का एक महत्वपूर्ण साधन है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिना भेदभाव के समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। श्रमिक अपने कार्य के लिए विभिन्न स्थानों पर जाते रहते हैं। ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा इन विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क आवासीय शिक्षा सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों के जीवन में व्यापक परिवर्तन आया है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के हितों के दृष्टिगत 18 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड
गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।
स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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