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प्रादेशिक

यूपी में एक्टिव कोविड केस 94, कोरोना मुक्त हुए 42 जिले

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लखनऊ। 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना के मात्र 94 एक्टिव केस ही शेष बचे हैं, जबकि 16,87,108 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। ताजा स्थिति के मुताबिक 42 जिलों में कोविड का भी मरीज नहीं है, तो 19 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं।

बीते 24 घंटों में 01 लाख 48 हजार 946 नमूनों की जांच हुई जहां, केवल लखनऊ में 03 और कानपुर नगर व जालौन में 01-01 नए संक्रमित पाए गए, जबकि 07 मरीज कोरोना मुक्त भी हुए।

शुक्रवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं।

बीते 30 अप्रैल को यहां 3,10,786 कोरोना मरीज थे, लेकिन लगातार कोशिशों से आज यह संख्या महज 94 बची है। मुख्यमंत्री ने देश के दूसरे राज्यों की तुलना में यूपी की बेहतर स्थिति पर संतोष जताते हुए त्योहारों के दृष्टिगत भीड़भाड़ को लेकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश की कोविड रिकवरी दर 98.7 फीसदी है तो पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी से भी कम हो चली है। उन्होंने बताया कि कोविड टेस्ट और टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति में यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है।

यहां अब तक 12 करोड़ 67 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 09 करोड़ 65 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 65 फीसदी से ज्यादा है। 03 करोड़ से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज ले ली है।

इन जिलों में एक भी कोरोना मरीज नहीं:

जनपद अलीगढ़, औरैया, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, झांसी, कानपुर देहात, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, सुल्तानपुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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