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प्रादेशिक

एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से मिल रहे हैं अच्छे परिणामः सीएम योगी

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लखनऊ। कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई अहम दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश में हर नए दिन के साथ कोविड महामारी पर नियंत्रण की स्थिति और बेहतर होती जा रही है। विगत दिवस 42 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 31 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। केवल सीतापुर और लखनऊ जनपद में ही दहाई अंक में कोविड संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई। प्रदेश में अब तक 06 करोड़ 08 लाख 45 हजार से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बाद भी एग्रेसिव ट्रेसिंग और टेस्टिंग जारी रखी जाए।

विगत 24 घंटे में 02 लाख 28 हजार 866 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 96 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 112 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।वर्तमान में 1,576 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर और बेहतर होकर 98.6% हो गई है। अब तक 16 लाख 83 हजार से अधिक प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

सीएम योगी ने कहा कि जनपद सुल्तानपुर और सीतापुर में नए केस की संख्या अन्य जिलों के सापेक्ष अधिक है। दोनों जिलों में आज ही अलग-अलग विशेष टीमें भेज कर गहन पड़ताल कराई जाए। संक्रमित पाए गए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग कराई जाए। इनके उपचार की समुचित व्यवस्था हो। पूरे जनपद में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण सुविधाजनक ढंग से हो, इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था की जाए। जिलों में संचालित “महिला स्पेशल वैक्सीनेशन बूथ” के बारे में लोगों की जागरूक किया जाए। गर्भवती महिलाओं अथवा उनके परिजनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराया जाए।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण “आरोग्य मेलों” का आयोजन नहीं हो पा रहा है, किंतु लोगों की स्वास्थ्य और चिकित्सा संबंधी जरूरतों की पूर्ति कतई प्रभावित न हो। बच्चों के नियमित टीकाकरण हो अथवा गोल्डन कार्ड बनने की प्रक्रिया, सभी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। सीएचसी/पीएचसी की रंगाई-पुताई, उपकरणों और दवाइयों की उपलब्धता, मैन पॉवर आदि की समुचित व्यवस्था कराई जाए। विगत दिवस लोकार्पित मोबाइल एप “उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्र” को और अधिक जनोपयोगी बनाया जाए।

वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने की आवश्यकता है। इस संबंध में विशेष हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता प्रसार करते हुए इसे और अधिक उपयोगी बनाने के प्रयास किए जाएं। विशेष परिस्थितियों में उन्हें एम्बुलेंस चाहिए या दवा की जरूरत, सब कुछ मुहैया कराया जाए। कैंसर की समस्या से ग्रस्त अथवा डायलिसिस के मरीजों के इलाज में कतई देरी न हो। आशा वर्कर के माध्यम से इनकी सूची तैयार कर, इनसे संवाद स्थापित किया जाए। इसके साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 08-10 माह के लिए अपनी कार्ययोजना तैयार करे।

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयासों के क्रम में सीएचसी/पीएचसी स्तर पर “हेल्थ एटीएम” की स्थापना कराई जाए। विभिन्न औद्योगिक समूहों ने ‘हेल्थ एटीएम’ उपलब्ध कराने की इच्छा जताई है। ऐसे सभी लोगों से संपर्क कर सहयोग प्राप्त किया जाए। इन अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से लोग बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कई पैरामीटर की जांच कर सकते हैं। इसके संचालन के लिए तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाए। इसे नजदीकी जिला अस्पताल की टेलीकन्सल्टेशन सेवा से भी जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। अब तक 03 करोड़ 71 लाख 83 से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। इनमें 03 करोड़ 13 लाख 81 हजार से अधिक लोग पहली डोज लेने वाले हैं। कोविड वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहित करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना’ संचालित हो रही है। पीएम कुसुम योजना किसानों को अपनी भूमि पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से  स्वयं के लिए बिजली उत्पादन करने और ग्रिड को बिजली बेचने का विकल्प प्रदान करते हुए अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर देती है। इस योजना को लेकर किसानों में उत्साह है। उनके आवेदनों को प्राथमिकता के साथ निस्तारित किया जाए।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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