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प्रादेशिक

नहाते समय बना लिया था वीडियो, फिर 8 साल तक करता रहा महिला सिपाही का रेप…

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक महिला का नहाते वक्त फोटो खींच कर उसके साथ 8 साल तक यौन शोषण किया गया। बता दें कि पीडिंता यूपी पुलिस में महिला सिपाही के पद पर है। पीड़िता ने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

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साभार इंटरनेट

पूरे मामले में पुलिस ने बताया कि यह मामला साल 2011 का है जब उन्नाव की एक युवती नौकरी खोजती हुई लखनऊ आई तो यहां राम विहार कॉलोनी के अजय शर्मा नाम के शख्स ने महिला को नौकरी दिलाने के नाम पर अपने घर ले गया। महिला जब घर के वॉशरुम में नहाने गई तो आरोपी ने धोखे से उसकी तस्वीरें खींच ली साथ ही महिला का आपत्तिजनक वीडियो भी बना लिया। हालांकि युवक ने इसके बाद उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगवा दी थी।

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साभार इंटरनेट

आपको जानकर हैरानी होगी कि युवती जब यूपी पुलिस में सिपाही बन गई उसके बाद भी उसका यौन शोषण होता रहा। महिला सिपाही के साथ युवक ने 8 साल तक रेप किया। बता दें कि आरोपी अजय शर्मा प्रॉपर्टी डीलिंग के साथ अस्पताल में नौकरी करता है। सिपाही युवती ने आरोप लगाया है कि अजय शर्मा ने इस दौरान उससे चार लाख रुपए भी ऐंठ लिए। युवती ने अजय के साथ उसकी मां और चाचा को भी आरोपी बनाते हुए पारा थाने में तहरीर दी है। आरोप है कि युवती ने जब अजय की मां और चाचा को इस बारे में बताया था उन्होंने उलटे उसे ही धमकाया था।

युवती ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि आरोपी युवक ने उसकी शादी नहीं होने दी और चार बार उसकी शादी तुड़वा दी। इसके अलावा उसने फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उस पर अश्लील वीडियो शेयर कर दिया। अजय शर्मा ने वाट्सएप ग्रुप में भी ये वीडियो वायरल किया। युवती का आरोप है कि विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई। फिलहाल पूरे मामले में पारा थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। चूंकि मामला महिला पुलिस का इस वजह से पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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