उत्तर प्रदेश
यूपीआईटीएस 2024- योगी राज में बदले हालात तो उद्यमियों के सपनों को लगे पंख
ग्रेटर नोएडा | योगी राज में उत्तर प्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर नकेल का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश अब बिजनेस के क्षेत्र में नित नई ऊंचाई छू रहा है। शहर-ग्रामीण परिवेश की महिलाएं भी सुरक्षा की भावना के साथ कारोबार कर रही हैं। युवा बेहतर भविष्य के लिए नौकरी मांगने नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बन रहा है। यूपी के विकास और तरक्की की बानगी ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में बुधवार को यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में दिखी। बुधवार को शो के पहले ही दिन बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे।
प्रोत्साहित करती है योगी सरकार
सिद्धार्थनगर के उत्प्रेरक ने एक साल पहले स्टार्टअप शुरू किया। उनकी कंपनी काला नमक चावल से बेकरी उत्पाद बनाती है। उत्प्रेरक कहते हैं कि इन्वेस्ट यूपी से स्टार्टअप के लिए अप्लाई किया था। तय समय में कारोबार तो शुरू हुआ ही, योगी सरकार ने सब्सिडी भी दी। यही नहीं, सरकार उनके बिजनेस को लगातार प्रोत्साहित करती है। इन्हें थाईलैंड सरीखे देशों में लगने वाली प्रदर्शनी में भी भेजा गया।
सरकार से मिली ट्रेनिंग और किट
प्रयागराज की आयशा बेगम मूंज के उत्पाद बनाती हैं। आयशा कहती हैं कि उनके साथ 20 और महिलाएं जुड़ी हैं। मूंज बनाने के लिए सरकार ने उनकी टीम की सभी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान खाने की व्यवस्था से लेकर किट भी उपलब्ध कराई गई। आयशा ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है। योगी सरकार द्वारा इसे लेकर आमजन को जागरूक किया गया है, इसकी वजह से मूंज से बने उत्पादों की मांग अब बढ़ने लगी है।
स्वयं सहायता समूह की सफल गाथा हैं गुंजन
ट्रेड शो के पहले ही दिन अंबेडकर नगर की गुंजन के स्टॉल पर भीड़ लग गई। गुंजन द्वारा बनाए पिज्जा की हर कोई तारीफ कर रहा था तो वहीं गुंजन सरकार को धन्यवाद दे रही थीं। गुंजन ने बताया कि उनके पति होटल पर काम करते थे। कोरोना काल में नौकरी छूट गई। गुंजन ने स्वयं सहायता समूह से 10 हजार रुपये उधार लेकर पिज्जा बनाने की मशीन खरीदी। बहुत जल्द काम चल निकला। इसके बाद गुंजन ने स्वयं सहायता समूह से दूसरी बार 50 हजार और बाद में एक लाख रुपये लेकर बड़ी मशीन खरीद ली।
दिल्ली के मुकाबले योगी सरकार दे रही अधिक सब्सिडी
मुजफ्फरनगर के संयम जॉगरी कारोबार करते हैं। संयम कहते हैं कि इस तरह के ट्रेड शो से उद्यमियों को बहुत लाभ मिलता है। योगी सरकार दिल्ली के मुकाबले अधिक सब्सिडी दे रही है। योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कानून व्यवस्था सुधार दी है। बिजली अब 24 घंटे रहती है। जिस कारण कारोबारी गतिविधियां बढ़ रही हैं।
सुरक्षित महसूस करती हैं महिलाएं
बनारस की संस्कृति जरी क्राफ्ट का बिजनेस करती हैं। उन्होंने कहा कि योगी राज में भ्रष्टाचार का पूरी तरह सफाया हो गया। कानून व्यवस्था की स्थिति सही हो गई। एक महिला होने के बावजूद उन्हें कभी डर नहीं लगता। सरकार सुरक्षा, सम्मान व स्वाबलंबन से महिलाओं को जोड़ रही है।
संजीवनी बना इंटरनेशनल ट्रेड शो
गाजीपुर के हैंडलूम उद्यमी रोशन कुमार ने बताया कि लगातार दूसरी बार ट्रेड शो में उनका स्टॉल लगा है। बकौल रोशन पिछला साल बिजनेस के लिहाज से बढ़िया गया था। इस बार भी काफी उम्मीदें हैं। अलीगढ़ के उद्यमी विनोद कुमार ने भी कारोबार के अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए योगी सरकार की तारीफ की।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन
महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।
महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।
महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान
महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।
प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम
दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।
महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार
महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।
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