उत्तर प्रदेश
गोरखपुर के दक्षिणांचल में औद्योगीकरण के युग का शुभारंभ : मुख्यमंत्री योगी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि धुरियापार समेत गोरखपुर के जिस दक्षिणांचल को लेकर यह मान लिया गया था कि यहां कुछ हो ही नहीं सकता, उसी गोरखपुर के दक्षिणांचल में महाशिवरात्रि के पावन महापर्व पर औद्योगीकरण के युग का शुभारंभ हो गया है। धुरियापार के ऊसर में पूर्वी उत्तर प्रदेश और गोरखपुर के पहले सीबीजी प्लांट के रूप में उद्योग बनकर तैयार है। यह प्लांट नौजवानों को रोजगार दिलाने तथा अन्नदाता किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
सीएम योगी शुक्रवार को केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ धुरियापार में बने इंडियन ऑयल के सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) प्लांट का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बांसगांव लोकसभा क्षेत्र को 222 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात भी दी। सीएम ने 68 करोड़ रुपये से अधिक की 20 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 154 करोड़ रुपये से अधिक की 17 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। पये परियोजनाएं पेयजल, सड़क और बाढ़ बचाव कार्यों से संबंधित हैं।
लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में सीएम योगी ने कहा कि यह सीबीजी प्लांट वेस्ट को वेल्थ में बदलने और किसानों की आमदनी बढ़ाने का एक बड़ा उदाहरण है। यह आम के आम और गुठलियों के दाम कहावत को चरितार्थ करने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले धुरियापार में लगी चीनी मिल, गन्ना न मिलने से एक सत्र भी नहीं चल पाई थी। तब लोगों ने यह मान लिया और कि यहाँ कुछ हो नहीं सकता है। पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप यहां उद्योग बनकर तैयार हो गया है। सीबीजी प्लांट का उपहार महाशिवरात्रि के दिन मिल रहा है। महाशिवरात्रि का अर्थ ही है सब कुछ मंगल ही मंगल होना। उन्होंने कहा कि पहले धुरियापार के विकास को लेकर कोई सोच भी नहीं सकता था। और, आज यहां उद्योग लग रहे हैं। सड़कें चौड़ी हो रही हैं। बाढ़ से बचाव हो रहा है। किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। गरीबों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उज्जला योजना के 1.75 करोड़ गैस कनेक्शन यूपी में दिए गए हैं और सरकार इन्हें होली और दीवाली में मुफ्त गैस सिलेंडर दे रही है।
सीएम ने कहा कि दक्षिणांचल को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से गीडा से जोड़ा जा रहा है। इसका कार्य अंतिम चरण में है। लिंक एक्सप्रेसवे के साथ ही रामजानकी मार्ग का काम तेजी से चल रहा है। गीडा के विस्तार से दक्षिणांचल नए युग में प्रवेश कर जाएगा। तब यहां के नौजवानों को नौकरी और रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि देश दुनिया के लोग यहां नौकरी और रोजगार के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि सीबीजी प्लांट में काम करने वाले 120 लोगों में कुछ गोरखपुर के हैं तो कुछ लखनऊ, झांसी, गुजरात, तमिलनाडु और बंगाल के। स्किल डेवलपमेंट से यहां युवाओं को और अवसर मिलेंगे। साथ ही पराली की आपूर्ति कर किसान तथा गोबर की आपूर्ति कर पशुपालक अपनी आमदनी बढ़ाने में सफल होंगे। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी की मंशा भी यही है कि अन्नदाता किसानों की आय बढ़े। उन्होंने कहा कि जब अन्नदाता खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि की सीबीजी प्लांट से प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। जो पराली जला दी जाती थी, वह यहां काम आकर किसानों को धन भी दिलाएगी। यहां तैयार होने वाली जैविक खाद से धरती माता की सेहत भी ठीक रहेगी। जैविक खाद के प्रयोग से खेतों की उर्वरता बनी रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाशिवरात्रि पर बांसगांव संसदीय क्षेत्र को सड़क चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण, बाढ़ बचाव और पेयजल परियोजनाओं की भी सौगात मिली है। बाढ़ बचाव के कार्यों से इस क्षेत्र को सरयू और राप्ती की बाढ़ से निजात मिलेगी।
विकास के साथ आस्था का सम्मान है डबल इंजन सरकार की पहचान
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार की पहचान विकास के साथ आस्था का सम्मान करने से जुड़ी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया एक नए भारत का दर्शन कर रही है। यहां विकास है, आस्था का सम्मान है, सुरक्षा का वातावरण है, नौजवानों के लिए आजीविका है। विरासत के सम्मान और विकास के अद्भुत समन्वय से देश दुनिया की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा है। अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार आपके घर की चिंता करती है तो आपकी आस्था का भी सम्मान करती है। उन्होंने सांसद और विधायक का आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्र की महिलाओं को श्री रामलला के दर्शन कराएं।
फिर एक बार मोदी सरकार का किया आह्वान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों का आह्वान किया कि विकास की स्पीड को बढ़ाने के लिए और विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए एक बार फिर मोदी सरकार बनाएं। यह भारतीय लोकतंत्र की भारत भाग्य विधाता से आह्वान है। सीबीजी प्लांट का लोकार्पण करने के साथ ही सीएम योगी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ प्लांट परिसर का निरीक्षण और कार्यक्रम स्थल पर रखे गए इसके मॉडल का अवलोकन किया। उन्होंने परिसर में पौधरोपण भी किया। समारोह को समारोह को सांसद कमलेश पासवान और विधायक राजेश त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्रीराम चौहान, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, इंडियन ऑयल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शांतनु गुप्ता, अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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