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उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ में गरजे सीएम योगी, कहा- लाल टोपी के काले कारनामे उत्तर प्रदेश में मत पनपने दीजिए

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अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर को 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव है। इसे लेकर सीएम योगी लगातार चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ के खैर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी कैंडिडेट के लिए प्रचार करने गए। यहां गरजते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं बंटो मत। इतिहास बताता है जब भी बंटे हैं, कटे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं आज आपसे कहना आया हूं अगर बंटोगे तो कटोगे और एक रहोगे तो नेक रहोगे, सुरक्षित रहोगे। इतिहास बताता है जब हम बैठे थे तो हमें राम मंदिर का अपमान का सामना करना पड़ा था इसलिए मैं आपसे कहना आया हूं, यह बांटने वाले लोग आपके दुश्मन हैं। आपके सामने आपके चेहरे पर मीठे-मीठी बातें बोलेंगे और वोट की राजनीति करेंगे। लाल टोपी काले कारनामे इसको पनपने मत दीजिए उत्तर प्रदेश में।

आप सब लोग जानते हो पहले अलीगढ़ सुरक्षित नहीं था यहां पर हर दासवें दिन कर्फ्यू लगता था। दंगा होता था और त्योहार भी शांतिपूर्ण तरीके से नहीं बनाए जाते थे और गुंडागर्दी चरम पर थी। गरीब को राशन नहीं मिलता था। प्रधानमंत्री के नाम पर आवास योजना एक गांव में एक व्यक्ति को किसी को शौचालय नहीं मिलता था। पेंशन भी समाजवादी पार्टी के लोगों को मिलती थी, गरीबों को नहीं मिलती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के मुकुट को, भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को एक बार फिर आतंकवाद का गढ़ बनाने के लिए शरारत शुरू हो चुकी है। इसीलिए आपसे कहने के लिए आए हैं कांग्रेस जब भी सफल होगी, आपको विभाजित करके सफल होगी। इसलिए बांटिए मत। इस देश का इतिहास बताता है कि बंटे थे तो राम मंदिर का अपमान हमें झेलना पड़ा। मथुरा में भगवान कृष्ण का अपमान हमारे सामने आया था। भगवान विश्वनाथ का अपमान हमारे सामने आया था।

अलीगढ़ की रैली में सीएम योगी ने आगे कहा, ‘क्या कुछ नहीं हुआ हमारी मां-बहन और बेटियों के साथ। अगर इन सबके बावजूद भी गांधारी की तरह आंखों पर पट्टी बांधकर जातियों के नाम पर बंटे हुए हैं, अपने स्वार्थों में बंटे हुए हैं तो कटने के सिवाय हमारी दूसरी नियती नहीं होगी। इसीलिए कहने आया हूं बंटो मत। बांटने वाले लोग आपके दुश्मन हैं। आपको बांटने वाले लोग मीठी मीठी बातें बोलेंगे, इनके बहकावे में मत आओ। मैं कहता हूं कि बंटोगे तो कटोगे। एक रहोगे तो नेक रहोगे। एक रहोगे तो सेफ रहोगे।’

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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