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प्रादेशिक

कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए बूथ बनाकर उनका वैक्सीनेशन किया जाएगा: नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ श्री नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में 3 टी के अन्तर्गत एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। 3 टी के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, आक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कफ्र्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। श्री सहगल ने बताया कि गत एक दिन में कुल 3,58,243 सैम्पल की जांच की गयी है। कोविड टेस्टिंग में इतने टेस्ट करने वाला एकमात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। जिनमें से 01 लाख 51 हजार से अधिक टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से किया गया है। प्रदेश में अब तक कुल 4,77,20,695 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित मामले 38 हजार से ऊपर चले गये थे वो भी घटकर आज 3,371 हैं, जो पीक के समय 3.10 लाख मामले थे वो आज घटकर केवल 62,271 रह गये हैं। एक्टिव केस 80 प्रतिशत से घटकर अब 20 प्रतिशत ही रह गया है। प्रदेश में 37,470 कोविड मरीज होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत 95.1 है।

श्री सहगल ने बताया कि वैक्सीनेशन के सम्बंध में मुख्यमंत्री जी द्वारा टास्क फोर्स की बैठक की गयी, जिसमें मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि 01 जून, 2021 से 23 जनपदों में चल रहे 18-44 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन को प्रदेश के सभी जनपदों में प्रारम्भ किया जाये। इसके अलावा प्रदेश में कोविड की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चों को सुरक्षित रखने के दृष्टिगत 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को भी प्राथमिकता के आधार पर बूथ बनाकर उनका वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के न्यायिक अधिकारी, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक एवं पत्रकारों को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए जनपदों के कलेक्ट्रेट, तहसील, विकासखण्ड तथा बीएसए के दफ्तर में पृथक रूप से वैक्सीनेशन बूथ की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में 1.34 करोड़ लोगों को पहली डोज तथा 33.79 लाख लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। अब तक कुल 1.61 करोड़ डोजें लगायी गयी हैं।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने आज प्रातःकाल टीम-9 की समीक्षा की। समीक्षा में उन्होंने निर्देश दिये हैं कि निगरानी समितियों को और इफेक्टिव किया जाय, यह प्रयास किया जाय कि बरसात के मौसम से पहले घर-घर जाकर साफ-सफाई, सेनेटाइजेशन करायी जाय। उन्होंने पीएचसी, सीएचसी को कार्यशील रखने के साथ-साथ वहां पर एक नोडल अधिकारी जिले में एक नोडल अधिकारी प्रदेश स्तर पर बनायें जिसकी जिम्मेदारी होगी कि सीएचसी, पीएचसी पर साफ-सफाई, उपकरण एवं दवा आदि की पूरी व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर, मशीनें जो सभी अस्पतालों में लगायी गयी हैं उसको भी सही हालत में रखने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हैं कि ब्लैक फंगस की दवा की समुचित व्यवस्था की जाय। उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के सम्बंध में प्रो-एक्टिव नीति अपनायी जा रही है। सभी मेडिकल काॅलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू में यथाशीघ्र व्यवस्था पूरी कर ली जाय।

श्री सहगल ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी ने जनपद देवरिया के गांव में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया इसके बाद जनपद कुशीनगर के गांव में स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी 18 मण्डलों के साथ 40 जनपदों में जाकर स्वयं कोविड अस्पताल, गांवों, निगरानी समिति से वार्ता, कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले कोविड-19 से रिकवरी करने वालों से वार्ता और इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल से भी वार्ता कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में आॅक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध है। प्रत्येक अस्पताल के लिए लगभग 3-3 दिन का स्टाॅक उपलब्ध है। प्रदेश सरकार ये प्रयास करती रहेगी कि आॅक्सीजन की उपलब्धता में कमी न आने पाये।

श्री सहगल ने बताया कि 97 हजार राजस्व गांवों में निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर अगर किसी व्यक्ति को अगर किसी प्रकार के लक्षण पाये जाते हैं तो उनको मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ही जहां पर संक्रमण पाये जा रहे हैं उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है। अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है। टेस्ट की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। और जो पाॅजीटिविटी रेट दर है वह 1 फीसदी से भी घट गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पिछले साल भर से सर्विलांस अभियान/निगरानी समितियों द्वारा प्रदेश में अभियान चलाकर प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से 17.6 करोड़ जनसंख्या तक पहुंचे हैं।

श्री सहगल ने बताया कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है। आंशिक कफ्र्यू को 31 मई, 2021 की प्रातः 07 बजे तक बढ़ा दिया गया है। प्रदेशव्यापी आंशिक कोरोना कफ्र्यू के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का जीवन और जीविका को बचाने का संकल्प है। आंशिक कोरोना कफ्र्यू में वैक्सीनेशन, औद्योगिक गतिविधियों, मेडिकल सम्बन्धी कार्य आदि आवश्यक अनिवार्य सेवाओं को यथावत जारी रखा गया है। श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 07 लाख अधिक से किसानों से 36,07,668.37 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। कल मुख्यमंत्री जी ने स्वयं एक गेहूं क्रय केन्द्र का निरीक्षण भी किया था।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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