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प्रादेशिक

संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों के एण्टीजन टेस्ट RRT द्वारा तत्काल किए जाएं: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्रदेश में कोरोना के बचाव एवं उपचार की व्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ और प्रभावी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घण्टों में संक्रमण के 18,125 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि विगत 24 अप्रैल को कोरोना के 38,000 से अधिक नए मामले आए थे। इस प्रकार प्रतिदिन मिलने वाले नए मामलों की संख्या में लगभग 20,000 की कमी आई है। एक्टिव केसेज की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है। 30 अप्रैल, 2021 को प्रदेश में 03 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले थे। विगत 11 दिन में संक्रमण के एक्टिव मामलों में 01 लाख 04 हजार से अधिक की कमी आई है।

उन्होंने कहा कि कोविड नियंत्रण के लिए यूपी सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश में इस वैश्विक महामारी का संक्रमण लगातार कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों और RRT के मध्य बेहतर तालमेल पर बल देते हुए कहा कि निगरानी समितियों द्वारा चिह्नित किए गए लक्षणयुक्त अथवा संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों के एण्टीजन टेस्ट RRT द्वारा तत्काल किए जाएं।गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विशेष जांच अभियान को और प्रभावी बनाया जाए।

सीएम योगी ने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ‘ब्लैक फंगस’ बीमारी के संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाहकार समिति से विचार-विमर्श करके, इस संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए अपनाई जाने वाली कार्ययोजना प्रस्तुत करें। कोरोना वैक्सीनेशन के कार्य को निरन्तर प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। इसके लिए वैक्सीन की निरन्तर उपलब्धता बनी रहनी चाहिए। दिव्यांगजन, अशक्त लोगों, ग्रामीण महिलाओं, श्रमिकों के वैक्सीनेशन हेतु कार्य योजना बनाई जाए। इन वर्गों के वैक्सीनेशन हेतु जन सुविधा केन्द्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराकर प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर टीकाकरण किया जाए। प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए वैक्सीनेशन केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमित पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का उपचार तत्काल प्रारम्भ कर दिया जाए। कोरोना मरीजों के उपचार के लिए कोविड बेड की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही लगातार चलनी चाहिए। सभी जनपदों में बेड की संख्या में वृद्धि के लिए निरन्तर प्रयास किए जाएं:प्रत्येक जनपद में उपलब्ध वेंटिलेटर्स तथा ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर को कार्यशील रखा जाए। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। ‘108’ सेवा की 75 प्रतिशत एम्बुलेंस को कोविड कार्य में संचालित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि निजी एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मनमाना किराया न वसूला जाएः। होम आइसोलेशन के शत-प्रतिशत मरीजों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। इस कार्य में बिल्कुल भी शिथिलता न बरती जाए। प्रत्येक जरूरतमंद को एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित रहे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे जरूरतमंद मरीजों तथा अन्य बीमारियों के गम्भीर मरीजों को उनकी आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए। कंटेनमेंट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को प्रभावी बनाकर रखा जाए। नगरीय क्षेत्रों में कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और प्रभावी बनाएं। खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं क्रय की कार्यवाही कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाते हुए जारी रखी जाए। खाद्यान्न वितरण के लिए राशन की दुकानों पर नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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