प्रादेशिक
पांच वर्षों में दोगुना हुआ उत्तर प्रदेश का निर्यात, ऐतिहासिक उपलब्धिः नंद गोपाल गुप्ता नंदी
लखनऊ| औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने गुरुवार को कहा कि पिछले 5 वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश के निर्यात में दोगुनी वृद्धि हुई है। 2016-17 में जहां प्रदेश में कुल निर्यात लगभग 84 हजार करोड़ रुपये था वहीं 2022-23 में यह बढ़कर 174 हजार करोड़ रुपये हो गया। यह उपलब्धि अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक है। राज्य सरकार ने अगले 3 वर्षों में तीन लाख करोड़ निर्यात का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सरकार ठोस कदमों एवं प्रभावी कार्य योजना के आधार पर निरंतर आगे बढ़ रही है। मंत्री नन्दी ने निर्यातकों का आह्वान किया कि निर्यात में वृद्धि करके वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने में अपना योगदान दें।
मंत्री नन्दी ने आज योजना भवन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में निर्यात के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रदेश के विभिन्न जनपदों के निर्यातकों को 2022-23 के राज्य निर्यात पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार प्राप्त करने वाले निर्यातकों को बधाई देते हुए मंत्री नन्दी ने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था की मजबूती में निर्यात की बेहद अहम भूमिका होती है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है। प्रदेश में उद्योगों के लिए पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल, मानव संसाधन और खपत के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास का पहिया अब तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है।
मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में निर्यात क्षेत्र का विशेष योगदान होगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश एक प्रभावी नीति बनाने के साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नीति बनाने से पहले हितधारकों के बहुमूल्य सुझाव भी लिए गए। उन्होंने कहा कि अवस्थापना एवं परिवहन नेटवर्क के विकास से उत्तर प्रदेश में निर्यात की संभावनाओं में व्यापक वृद्धि हुई है।
छोटे उद्योगों को सुलभ एवं सस्ती लॉजिस्टिक सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट हब बनकर उभरा है और देश का पांचवा प्रमुख निर्यातक राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्यात पुरस्कार प्रदेश में निर्यात के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले निर्यातकों के उत्साह वर्धन की अभिनव पहल है। आज 25 विभिन्न श्रेणियां में 29 निर्यातकों को सम्मानित किया जा रहा है। श्री नंदी ने प्रदेश सरकार द्वारा निर्यात प्रोत्साहन हेतु संचालित गेटवे पोर्ट योजना तथा विपणन विकास सहायता योजना के अंतर्गत लाभान्वित निर्यातकों को सांकेतिक रूप से चेक भी वितरित किए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए इकोसिस्टम तैयार किए जाने संबंधी राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में निर्यात बढ़ाने के उद्देश्य से निर्यातकों द्वारा उठाई गई समस्याओं, उनके संभावित समाधानों और आवश्यकताओं से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ विशिष्ट संवाद सत्र का आयोजन भी किया गया। इसमें एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स, इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, इलेक्ट्रॉनिक एंड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल तथा काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के सदस्यों एवं संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों तथा निर्यातक इकाइयों द्वारा अपने सेक्टर से निर्यात को बढ़ावा देने तथा वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में प्रदेश के निर्यातकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों और उसके संभावित समाधान पर चर्चा की गई।
संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार भारत सरकार ने प्रदेश के निर्यात पर चर्चा करते हुए प्रदेश से निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पादों, गंतव्य स्थान तथा निर्यात प्रदर्शन पर प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री अनिल कुमार सागर, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार भारत सरकार श्री नीतीश सूरी व श्री अमित कुमार, चीफ मैटर, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ हैंडीक्राफ्ट्स राकेश कुमार, वाइस चेयरमैन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ़ हैंडीक्राफ्ट नीरज खन्ना समेत बड़ी संख्या में निर्यातक व अन्य विशिष्ट लोग मौजूद थे।
इन निर्यातकों को मिला पुरस्कार
निर्यात पुरस्कार से जिन निर्यातकों को पुरस्कृत किया गया उनमें मेसर्स परवेज कारपेट्स भदोही के मो. परवेज अंसारी, मेसर्स आर्ट पैलेस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड भदोही के श्री इफ्तिखार अहमद, मेसर्स दीवान एंड संस मुरादाबाद के श्री जोगिंदर गांधी, मेसर्स मल्होत्रा हैंडीक्राफ्ट्स मुरादाबाद के श्री राजीव मल्होत्रा, मेसर्स डावर फुटवियर इंडस्ट्रीज आगरा के पूरन डावर, मेसर्स सगारी लेदर्स प्राइवेट लिमिटेड आगरा के श्री प्रसंजीत कुमार गुप्ता, मेसर्स चंद्रा फैब्रिक्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद के श्री अंकुर जैन, मेसर्स साईं क्रिएशंस गौतम बुद्ध नगर की श्रीमती अनीता रानी, मेसर्स अल नासिर एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद के सालिम कुरैशी, मेसर्स आरएसीएल गेयर टेक लिमिटेड अमरोहा के गुरशरन सिंह, मेसर्स एक्सस्मार्ट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड गौतमबुद्धनगर के राजेश कुमार जैन, मेसर्स फेमस आर्ट एंड एंटीक इंटरनेशनल सहारनपुर के शेख मोहम्मद आरिफ, मेसर्स सुधा स्टोन वर्क्स आगरा के ज्ञानेश्वर नाथ, मेसर्स ट्रांसपेरेंट ओवरसीज फिरोजाबाद के श्री शैलेश कुमार बंसल, मेसर्स भल्ला इंटरनेशनल मेरठ के श्री अशोक भल्ला, मेसर्स गुजराल इंटरनेशनल मेरठ के श्री वीरेंद्र गुजराल, मेसर्स वेलकिन एपेक्स प्राइवेट लिमिटेड वाराणसी के श्री अंकित खन्ना, मेसर्स नीरेक्स फ्लेवर्स प्राइवेट लिमिटेड अमरोहा के वैभव कुमार अग्रवाल, मेसर्स चोपड़ा रीटेक रबर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के श्री किरण चोपड़ा, मेसर्स अजंता इलेक्ट्रिकल्स गाजियाबाद के श्री विकास खंडेलवाल, मेसर्स कृष्णा सेल्स कॉरपोरेशन हाथरस के श्री नीरज कुमार खेतान, मेसर्स आरएएस पॉलीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड चंदौली के श्री दिलीप श्रीवास्तव, मेसर्स चोपड़ा म्यूजिकल्स मेरठ के श्री मोहित चोपड़ा. मैसर्स नीरू मेंथाल प्राइवेट लिमिटेड रामपुर के श्री अमृत कपूर, मेसर्स अंसारी फ्लोर रग्स भदोही के एजाज अहमद अंसारी, मेसर्स एल कम्पोनिक्स सेल्स प्राइवेट लिमिटेड गौतमबुद्धनगर के श्री एस.एन. द्विवेदी, मेसर्स श्रीनाथजी एक्सपोर्ट मुरादाबाद के श्री सिद्धार्थ कृष्ण रस्तोगी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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