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उत्तराखंड

उत्तराखंड: अब भाजपा में भी उठने लगे हैं बगावत के सुर

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भाजपा, जीतीं विधान परिषद की तीनों सीटें

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उत्तराखंड, भाजपा, सत्तारूढ़ कांग्रेस से लगातार मात, बगावत के सुर

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देहरादून। उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से रणनीतिक मोर्चे पर लगातार मिल रही नाकामी से भाजपा को फजीहत झेलनी पड़ रही है। सत्तारूढ़ कांग्रेस से लगातार मात खाने के बाद अब प्रदेश भाजपा के बड़े तबके में बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं।

कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ताओं के बजाय पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और चुनावों में प्रत्याशियों की राह में मुश्किल खड़ी करने वालों को विभिन्न मोर्चों में महत्वपूर्ण पद देने को लेकर उत्तराखंड भाजपा में कलह शुरू हो गई है।

राज्यसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में देहरादून आए प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू से पार्टी के लगभग दर्जन भर विधायकों ने ऐसी शिकायतें कीं। उनका आरोप है कि राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के कुछ नेताओं के वरद हस्त होने से यह मनमानी हो रही है।

शुक्रवार को प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने राज्यसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के बाद पार्टी के विधायकों से बातचीत की थी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मौजूद चार-पांच विधायकों को छोड़ बाकी सभी ने एक सुर में अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे लोगों के नाम गिनाने शुरू किए, जिन्होंने चुनाव जीतने की राह में तमाम अड़चनें खड़ी कीं।

ऐसे तमाम उदाहरण भी बताए गए कि जब इन लोगों ने पार्टी के निर्णयों की मुखालफत की और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हुए। यह भी बताया कि किस तरह से हाल ही में गठित हुए किसान मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग, युवा मोर्चा आदि में इन्हीं लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया गया।

विधायकों ने आरोप लगाया कि ऐसी स्थिति में सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है। इस बाबत जब प्रदेश नेतृत्व से शिकायत की जाती है तो राष्ट्रीय नेताओं के पाले में गेंद डाल दी जाती हैं। कई बार तो पदाधिकारियों के संबंध में यहां से भेजी गई सूची में दिल्ली से फेरबदल होने की बात बता दी जाती है।

गौरतलब है कि भाजपा से बगावत करने वाले भीमलाल और दान सिंह भंडारी के मामलों में भी ऐसी ही शिकायतों की अनदेखी की बात सामने आई है। इधर विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती देख जल्द ही कोई बड़ा फैसला संभावित है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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