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उत्तराखंड

राज्य आंदोलनकारियों को मिलेगी हर माह पेंशन

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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को हर माह पेंशन, प्रतिमाह 3,100 रुपये पेंशन, राज्य निर्माण आंदोलन

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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को हर माह पेंशन, प्रतिमाह 3,100 रुपये पेंशन, राज्य निर्माण आंदोलन

uttarakhand government

देहरादून। आखिरकार राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन देने का रास्ता साफ हो गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन देने संबंधी शासनादेश बुधवार को जारी कर दिया गया है। शासनादेश के मुताबिक राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन के लिए जेल गए या फिर आंदोलन के दौरान घायल आंदोलनकारियों को प्रतिमाह 3,100 रुपये पेंशन दी जाएगी। शासनादेश जारी होने के बाद राज्य के 13 हजार चिह्नित आंदोलनकारियों को योजना का लाभ मिलेगा।

राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान कई आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। जबकि हजारों की संख्या में आंदोलनकारी घायल होने के साथ ही जेल गए थे। इन आंदोलनकारियों में से कुछ को राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में नौकरी देने के साथ ही पांच हजार की पेंशन दी थी। लेकिन, तमाम आंदोलनकारी ऐसे भी रहे जिन्हें सरकार की ओर से न ही नौकरी और न ही पेंशन मिल पाई। ऐसे आंदोलनकारी पिछले कई साल से अपनी मांगों को लेकर सरकार से लड़ाई लड़ रहे थे। अब ऐसे में चिह्नित आंदोलनकारियों के लिए भी सरकार ने दरवाजे खोल दिए गए है। प्रमुख सचिव डा. उमाकांत पंवार की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। वहीं राज्य आंदोलनकारी परिषद के धीरेंद्र प्रताप ने शासनादेश जारी होने को लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत और सरकार का आभार जताया है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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