Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

उत्तराखण्डः गेस्ट टीचरों के आंदोलन ने पकड़ा जोर

Published

on

उत्‍तराखण्‍ड में गेस्ट टीचरों का आंदोलन, परेड ग्राउंड में चल रहा आंदोलन, दस शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर

Loading

उत्‍तराखण्‍ड में गेस्ट टीचरों का आंदोलन, परेड ग्राउंड में चल रहा आंदोलन, दस शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर

परेड ग्राउंड में चल रहा आंदोलन

देहरादून। प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के आंदोलन में अब जोर पकड़ लिया है। बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदेश भर से गेस्ट टीचर दून के परेड ग्राउंड पहुंचे। दस शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि सभी 6214 पदों पर नियुक्ति की जाए और शिक्षकों का वेतन प्रति पीरियड की तुलना में 15 हजार रुपये महीनों फिक्स किया जाए। इस बीच शिक्षा विभाग ने 2258 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगने शुरू कर दिये हैं। पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 6214 अतिथि अध्यापकों की भर्ती की थी। भर्ती का आधार प्रति पीरियड 400 रुपये और अधिकतम 15000 रुपये मासिक देने का कांट्रेक्ट किया था। अहम बात यह है कि अधिकांश गेस्ट टीचर को सरकार ने एक धेला भी नहीं दिया।

इसके बावजूद गेस्ट टीचर नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गेस्ट टीचर्स का कहना है कि उन्हें प्रति पीरियड की तुलना में 15000 रुपये की रकम देने की बात कही गई थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग मुकर रहा है। अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश आर्य का कहना है कि सरकार ने यह फैसला क्यों बदल दिया। अध्यापकों की संख्या कम क्यों की गई है? इसका जवाब देना होगा और सभी अतिथि अध्यापकों को नौकरी पर लेना होगा। जब तक सरकार इस संबंध में फैसला नहीं करती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए धरनास्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। यहां पुलिस के जवानों के साथ ही आरएएफ की तैनाती भी की गई है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending