उत्तराखंड
उत्तराखण्डः गेस्ट टीचरों के आंदोलन ने पकड़ा जोर
परेड ग्राउंड में चल रहा आंदोलन
देहरादून। प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के आंदोलन में अब जोर पकड़ लिया है। बुधवार को बड़ी संख्या में प्रदेश भर से गेस्ट टीचर दून के परेड ग्राउंड पहुंचे। दस शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि सभी 6214 पदों पर नियुक्ति की जाए और शिक्षकों का वेतन प्रति पीरियड की तुलना में 15 हजार रुपये महीनों फिक्स किया जाए। इस बीच शिक्षा विभाग ने 2258 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगने शुरू कर दिये हैं। पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 6214 अतिथि अध्यापकों की भर्ती की थी। भर्ती का आधार प्रति पीरियड 400 रुपये और अधिकतम 15000 रुपये मासिक देने का कांट्रेक्ट किया था। अहम बात यह है कि अधिकांश गेस्ट टीचर को सरकार ने एक धेला भी नहीं दिया।
इसके बावजूद गेस्ट टीचर नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गेस्ट टीचर्स का कहना है कि उन्हें प्रति पीरियड की तुलना में 15000 रुपये की रकम देने की बात कही गई थी, लेकिन अब शिक्षा विभाग मुकर रहा है। अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश आर्य का कहना है कि सरकार ने यह फैसला क्यों बदल दिया। अध्यापकों की संख्या कम क्यों की गई है? इसका जवाब देना होगा और सभी अतिथि अध्यापकों को नौकरी पर लेना होगा। जब तक सरकार इस संबंध में फैसला नहीं करती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए धरनास्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। यहां पुलिस के जवानों के साथ ही आरएएफ की तैनाती भी की गई है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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