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उत्तराखंड

डीएम ने दिए विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

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पौड़ी के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट, विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

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पौड़ी के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट, विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

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पौड़ी। जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट ने जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं वाह्य सहायतित योजनाओं की समीक्षा बैठक में संबन्धित अधिकारियों को विकास की गति में तेजी लाने के निर्देश दिए। डीएम ने खासकर निर्माणदायी संस्थाओं से निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं गुणवता बनाये रखने के सख्त निर्देश देते हुए कहा कि गत वर्ष आवंटित बजट को खर्च करने के बाद ही उन्हें नया बजट आवंटित किया जाएगा।

विकास भवन सभागार कक्ष में आज जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं वाह्य सहायतित योजनाओं में धनराशि निर्गत करने के संबन्ध में जिलाधिकारी चन्द्रशेखर भट्ट की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने संबन्धित सभी अधिकारियों से बीस सूत्रीय कार्यक्रमों की तरह अन्य योजनाओं में भी जिले को ‘ए’ श्रेणी में लाने के प्रयास करने को कहा। लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान डीएम ने निर्माण कार्यों का विवरण व फोटोग्राफी सहित फाइल तैयार करने के निर्देश लोनिवि अधिकारियों को दिए। जिले में गहराए पेयजल संकट को देखते हुए जिलाधिकारी ने भैरवगढ़ी पेयजल योजना को पुनर्जीवित करने के निर्देश जल निगम को दिए।

इसके साथ ही उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों को खराब पड़े हैंडपम्पों की मरम्मत किए जाने के भी निर्देश देते हुए पेयजल किल्लत वाले क्षेत्रों में ही हैंडपम्प स्थापित किए जाने और ऐसे क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति किए जाने को कहा। उरेड़ा के अधिकारियों को डीएम ने कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम में स्थापित सौर ऊर्जा प्लांट में खराबी को जल्द ठीक करने के निर्देश दिए। लघु सिंचाई व राजकीय सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान नहरों, गूलों आदि की मरम्मत करते हुए सिंचाई व्यवस्था दुरूस्त करने के साथ ही साथ उन्होंने जल संवर्द्धन के लिए चाल-खाल, चैकडैम आदि का निर्माण किए जाने को भी कहा।

ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भट्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रोटेशन के आधार पर प्रतिदिन चिकित्सकों की तैनाती करने के निर्देश सीएमओ को दिए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सके। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान स्कूलों में पेयजल, बिजली आदि की व्यवस्थाएं दुरूस्त करने को कहा। जिले में बढ़ती गरमी को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्रों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को छुट्टी देने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को कोटद्वार क्षेत्र में काश्तकारों को बीज मुहैया न होने की शिकायत पर नाराजगी जताते हुए काश्तकारों को तात्काली बीज आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

पर्यटन विभाग की समीक्षा करते हुए डीएम ने जिले में पैराग्लाडिंग की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मनरेगा के तहत भी कार्य किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने संबन्धित सभी विभागीय अधिकारियों को पूर्व में आवंटित धनराशि खर्च करने के सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जब तक पिछली धनराशि व्यय नहीं की जाती तब तक संबन्धित विभाग को नया बजट आवंटित नहीं किया जाएगा।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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