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प्रादेशिक

होनहार छात्र प्रत्युष की मौत का जिम्मेदार कौन

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होनहार छात्र प्रत्युष जोशी, आठ मार्च को हादसे का शिकार, घटनास्थल से सबूत मिटाने का काम

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होनहार छात्र प्रत्युष जोशी, आठ मार्च को हादसे का शिकार, घटनास्थल से सबूत मिटाने का काम

देहरादून। एक होनहार छात्र प्रत्युष जोशी दून की सड़क पर आठ मार्च को हादसे का शिकार हो गया। उसका एक्सीडेंट आठ मार्च को हुआ लेकिन पुलिस अब तक उस वाहन का पता लगाने में नाकाम रही है जिसने उसे कुचला है। पुलिस ने इस घटना के बाद जिस तरह से आनन-फानन में घटनास्थल से सबूत मिटाने का काम किया, उसे लेकर पुलिस कार्रवाई भी संदेह के घेरे में है। प्रत्युष के पिता किशोर जोशी का कहना है कि पुलिस ने बिना फारेंसिक टीम को बुलाए ही घटनास्थल को पानी से धो दिया और उस पर चूना डाल दिया। इसके अलावा जिस केबल से फंस कर प्रत्युष हादसे का शिकार हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में भी पुलिस ने आनाकानी की। जोशी ने मांग की है कि उनके बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार वाहन चालक को जल्द तलाश किया जाय। भावुक होकर प्रत्युष के पिता बताते हैं कि वह पढ़ाई में बहुत होनहार था। हर क्लास में अच्छेे नम्बरों से पास होता था। उसका सपना था कि वह मर्चेंट नेवी में कैप्टन बने और इसके लिए तैयारी भी कर रहा था।

 पुलिस अब तक नहीं लगा पाई वाहन का पता

केबल कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से कतरा रही पुलिस

17 वर्षीय प्रत्युष जोशी ब्रुकलीन स्कूल में 11वीं का छात्र था। वह उक्त दिन स्कूटी पर सवार होकर सुबह परीक्षा देने के लिए स्कूल जा रहा था कि प्राइम केबल की वायर में फंस कर सड़क पर गिर गया। इस बीच एक अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्युष के पिता किशोर जोशी का कहना है कि जब उन्हें हादसे की जानकारी मिली तो वह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने वहां का वीडियो स्वयं बनाया। केबल लापरवाही से लटकी हुईं थीं और जिस स्थान पर प्रत्युष हादसे का शिकार हुआ, उसमें भी संदिग्ध हालात थे कि आखिर किस तरह से वाहन की टक्कर के बाद दूसरे स्थान पर शव पड़ा था। कुल मिलाकर घटना को लेकर संदेह था। किशोर जोशी के अनुसार मौके पर पुलिस आई तो पुलिस ने शव को अस्पताल भिजवा दिया। इसके बाद न तो फारेंसिक टीम बुलाई गई और न ही पुलिस ने जांच करने की कोशिश की कि आखिर यह घटना कैसे घटी।

इसके बाद जब किशोर ने पुलिस को स्वयं बनाया वीडियो दिखाया तो पुलिस ने वह वीडियो क्लिप भी उनसे ले लिया। किशोर जोशी का आरोप है कि एक पुलिस अधिकारी से जब उन्होंने पूछा कि घटनास्थल पर फारेंसिक टीम को क्यों नहीं बुलाया गया तो पुलिस अफसर बात टाल गये। पुलिस ने घटनास्थल को तुरंत पानी से धो दिया और उस पर चूना डाल दिया। किशोर जोशी के मुताबिक उनकी मानसिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह पुलिस से उलझते। बाद में उन पर दबाव भी बनाया गया कि केबल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न की जाएं, लेकिन वो नहीं माने। किशोर कहते हैं कि क्या लोग इतने संवेदनहीन हो गये कि कोई नहीं बता रहा कि आखिर प्रत्युष की मौत का जिम्मेदार कौन है। आखिर पुलिस इस मामले की जांच में इतनी लापरवाही क्यों बरत रही है। संभवत इस मामले में कोई वीआईपी हो सकता है, जिसे बचाने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे अपने बेटे की मौत के जिम्मेदार वाहन चालक को किसी भी सूरत में नहीं बख्शेंगे। इसके लिए सोशल मीडिया पर भी कंपैंन चल रहा है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि यदि किसी ने इस हादसे के दौरान वाहन को देखा है या नंबर नोट किया है तो उसकी जानकारी उन्हें दे दें, इसकी जानकारी गुप्त रखी जाएगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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