उत्तराखंड
यूपी के एक मंत्री के भवन निर्माण पर एमडीडीए ने लगाई रोक
निर्माण को लेकर महिला ने दर्ज कराई शिकायत, बढ़ सकती है मंत्री की मुश्किलें
देहरादून। देहरादून में बन रहे यूपी के कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी के भवन का निर्माण कार्य पर एमडीडीए ने रोक लगा दी है। एक महिला की शिकायत पर रोक लगाने के साथ ही एमडीडीए ने अगले आदेश तक निर्माण कार्य शुरू नहीं करने की सख्त हिदायत भी दी है। हालांकि जमीन की सीमा को लेकर कैंट और एमडीडीए के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। शनिवार को एमडीडीए के सर्वेयर मौके पर पहुंचकर जमीन किसके अधिकार क्षेत्र में है, इसका निर्धारण करेंगे। जमीन एमडीडीए क्षेत्र में हुई तो भवन सील करने की कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच महिला ने हाथापाई और आतंकित करने का आरोप लगाते हुए एसएसपी से मौखिक शिकायत की है।
एमडीडीए अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया निर्माण कार्य
केहरी गांव स्थित प्लॉट पर भवन निर्माण के संबंध में एक महिला ने राज्यपाल डॉ. केके पाल के सलाहकार के ओएसडी प्रकाश उपाध्याय के माध्यम से एमडीडीए में शिकायत की। महिला ने आरोप लगाया कि नियमों को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं समाज कल्याण मंत्री साहब सिंह सैनी के भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर प्राधिकरण के अधिकारी निर्माण स्थल पर पहुंचे। उस दौरान मंत्री साहब सिंह सैनी भी वहां पर मौजूद थे। एमडीडीए अधिकारियों ने उन्हें तुरंत निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा। निर्माण स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह क्षेत्र एमडीडीए की सीमा से बाहर कैंट क्षेत्र में है। लिहाजा एमडीडीए के अधिकारी यहां कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। उन्होंने एमडीडीए के दस्तावेज भी दिखाए। एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का ने बताया कि शनिवार को प्राधिकरण के सर्वेयर मौके पर जाकर जमीन की माप करेंगे। इसके बाद तय होगा कि जमीन एमडीडीए के क्षेत्र में है या कैंट के क्षेत्र में। तब तक निर्माण कार्य रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
कैंट और एमडीडीए के बीच जमीन की स्थिति नहीं हो पाई स्पष्ट
केहरी गांव की एक महिला ने एमएलसी और उसके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए है। पीडिता ने एसएसपी से बात कर उनके साथ बदतमीजी करते हुए आतंकित करने का आरोप लगाया और जान का खतरा बताते हुए कार्रवाई की मांग उठाई है। कैंट के प्रेमनगर क्षेत्र में आने वाली भूमि के चिन्हीकरण को लेकर राजस्व रिकार्ड की स्थिति स्पष्ट नहीं है। मंत्री साहब सिंह सैनी जिस भूमि पर निर्माण करा रहे हैं उस पर निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोग कैंट बोर्ड में पहले ही शिकायत कर चुके हैं। स्थानीय लोगों ने निर्माण को अवैध बताया है। इस क्षेत्र में कई प्लॉट ऐसे हैं जिनका कुछ हिस्सा कैंट बोर्ड तो कुछ ग्रामीण क्षेत्र में आता है। उधर, कैबिनेट मंत्री प्लाट संबंधित विवाद को लेकर डीएम से भी शिकायत कर चुके हैं। अब मामला गर्माने के बाद जिला प्रशासन राजस्व रिकार्ड में भूमि की स्थिति को लेकर रिकार्ड जांच रहा है।
यूपी के कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी ने कहा कि ‘इस प्लॉट का स्वामित्व मेरे पास 15 वर्ष से है, जो दो तरफ से खुला था। अब उसपर निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन जो पड़ोसी अब शिकायत कर रहे हैं उसने एक साइड पर कब्जा कर रखा है, जिसकी शिकायत मैंने डीएम को पहले की थी। अब कार्रवाई के डर से पड़ोसी इधर-उधर शिकायत कर रहा है। न तो मैं कानून से ऊपर हूं और न कोई और। जो भी गलत साबित होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. सदानंद दाते का कहना है कि महिला ने कैबिनेट मंत्री के बेटे के खिलाफ अभद्रता और आतंकित किए जाने की मौखिक शिकायत की है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल की जा रही है। एमडीडीए अधिकारियों से भी संपर्क साधा गया है। यदि लिखित शिकायत मिलती है तो मुकदमा दर्ज कर इसकी जांच की जाएगी। ज्ञात हो कि साहब सिंह सैनी अपने पारिवारिक विवाद को लेकर पहले भी सुर्खियों में आ चुके हैं, जब उन्होंने अपने तीसरे बेटे को अपना बेटा मानने से ही इनकार कर दिया था। यह मामला देहरादून की एक कोर्ट में चला था।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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