Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी

Published

on

ऋषिकेश, वर्षा और ग्लेशियरों के पिघलने, गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव

Loading

ऋषिकेश, वर्षा और ग्लेशियरों के पिघलने, गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव

Water level incresed in Ganga

ऋषिकेश। तीर्थनगर व आसपास के क्षेत्र की जनता भले ही बारिश के लिए तरस रही है मगर पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा और ग्लेशियरों के पिघलने से गंगा के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। पानी बढ़ने से स्वर्गाश्रम क्षेत्र में मोटरबोट का संचालन आज दूसरे दिन भी बाधित रहा।

पिछले एक सप्ताह से नगर व आसपास के क्षेत्र में बादल तो छा रहे हैं, मगर बिना बरसे ही लोगों को तरसा रहे हैं। पूरा क्षेत्र नमी व गर्मी के कारण परेशान है। हालांकि गंगा के तटीय इलाके के लोग थोड़ी राहत में हैं।

पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा का असर गंगा में देखने को मिल रहा है। वर्षा के कारण गंगा का पानी मटमैला हो गया है और ग्लेशियरों के पिघलने से गंगाजल में ठंडक भी बढ़ गई है। गंगा के जलस्तर में भी आंशिक वृद्धि दर्ज की गई है। गंगा की उफनती लहरें तटीय इलाके के लोगों को डरा रही हैं।

वहीं त्रिवेणी घाट में मुख्य जलधारा व घाट के बीच टापू जलमग्न होने लगा है। स्वार्गश्रम, मुनिकीरेती व लक्ष्मणझूला क्षेत्र में गंगा पक्के घाटों को छू कर बह रही है।

केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक हालांकि अभी गंगा चेतावनी की रेखा से करीब सवा मीटर नीचे बह रही है। यदि पर्वतीय क्षेत्र में विशेष रूप से अलकनंदा, मंदाकिनी और पिंडर घाटी में निरंतर बारिश होती है तो इसका असर सीधा-सीधा गंगा के जलस्तर पर आएगा।

 

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending