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एक प्रदेश ऐसा भी, बीवियों जमकर करती हैं पतियों की ठुकाई

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भोपाल। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा को अकसर सामान्य घटना माना जाता है। कई मामलों में तो महिलाएं इस बारे में शिकायत तक नहीं दर्ज करातीं। पर अब जमाना तेजी से बदल रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के हाथों पिटने वाले पुरुष भी कम नहीं हैं। और तो और वह इस पिटाई की बाकायदा शिकायत भी दर्ज कराने लगे हैं।

मध्य प्रदेश में अपराधों के खिलाफ फौरन कार्रवाई के लिए कुछ साल पहले शुरू की गई सेवा ‘डायल 100’ के पीआरओ हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश में औसतन हर माह 200 पतियों की अपने ही घर में पत्नियों से पिटाई हो जाती है। प्रदेश में शहरों के लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर इस मामले में अव्वल है। यहां जनवरी से अप्रैल 2018 तक चार माह में 72 पतियों ने अपनी पत्नियों से पिटाई होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई।

दूसरे स्थान पर राजधानी भोपाल के 52 पतियों ने अपनी पत्नियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इसी अवधि में पूरे प्रदेश में 802 पतियों ने पत्नी प्रताडऩा की शिकायत दर्ज करवाई है। अधिकारी ने बताया कि जनवरी 2018 से डायल 100 की टीम ने इस नंबर पर फोन करने वालों के लिए अन्य श्रेणियों के साथ ही पतियों से पिटने वालों की एक नई श्रेणी ‘बीटिंग हस्बैंड इवेंट’ भी तैयार की है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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