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WOW! मैदान में जड़ता छक्के, तो बाहर कराटे से दुश्मन की नींद उड़ाता है ये क्रिकेटर…

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नई दिल्ली। अजिंक्य रहाणे भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन हाल के दिनों में भारतीय टीम के अंतिम ग्यारह में रहाणे को मौका नहीं दिया गया है। विराट कोहली की टीम में रहाणे के न होने की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

Related imageदरअसल भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है और वहां दो टेस्ट गवां चुकी है।

Related imageरहाणे क्रिकेट के सबसे अच्छे खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रहाणे क्रिकेट के आलावा भी दूसरे खेल में अपना दमखम दिखा चुके हैं।

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दरअसल वह क्रिकेट के साथ-साथ वह कराटे में ब्लैक बेल्ट भी हासिल कर चुके हैं।  रहाणे ने क्रिकेट करियर की शुरुआत साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था जबकि 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत किया था। हालांकि इस दौरान वह वन डे क्रिकेट में अंदर और बाहर होते रहे हैं लेकिन टेस्ट में उनकी जगह हमेशा पक्की रही है।

रहाणे आईपीएल में भी अपने बल्ले का हुनर दिखा चुके हैं। हालांकि मौजूदा दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर उन्हें अभी तक मौका नहीं दिया गया है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वह तीसरे टेस्ट टीम इंडिया का हिस्सा हो सकते हैं। उनके जैसे बड़े खिलाड़ी को मौक नहीं देना शायाद बड़ी भूल हो सकती है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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