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अन्तर्राष्ट्रीय

शी की सऊदी अरब यात्रा समाप्त, ऊर्जा सहयोग पर सहमति

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रियाद। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सऊदी अरब की राजकीय यात्रा बुधवार को समाप्त हो गई, जिसे दोनों देशों ने ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग पर सहमति बनी। चीन के राष्ट्रपति सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल सऊद के साथ रियाद स्थित शाह अब्दुल्ला पेट्रोलियम स्टडीज एंड रिसर्च सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए, जहां से याशरेफ ऑयल रिफाइनरी के संचालन का रिमोट द्वारा उद्घाटन किया गया। यह शाह सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल सऊद सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको और चीन की तेल कंपनी साइनोपेक का संयुक्त उपक्रम है।

इस अवसर पर शी ने कहा कि चीन और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा सहयोग से दोनों देशों को लाभ होगा। यह विदेश में साइनोपेक की पहली रिफाइनरी है। दोनों कंपनियों के बीच इसके लिए समझौता 2012 में हुआ था। दोनों ने करीब 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश से इसकी स्थापना के लिए समझौता किया था। इसमें अरामको की हिस्सेदारी 62.5 प्रतिशत की है, जबकि साइनोपेक की हिस्सेदारी 37.5 प्रतिशत की है।

शी की सऊदी अरब यात्रा के दौरान ऊर्जा सहयोग पर मुख्य रूप से जोर रहा। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग पर सहमति जताई। शी की खाड़ी अरब देशों की सहयोग परिषद (जीसीसी) के प्रमुखों के साथ भी बैठक हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि चीन जीसीसी देशों के साथ व्यापक ऊर्जा सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन इस छह देशों के समूह (बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात) के लिए दीर्घकालिक, स्थिर और भरोसेमंद ऊर्जा बाजार होगा।

शी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को संतोषजनक और फलदायक करार दिया, जिसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। शी मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे, जहां उन्होंने शाह सलमान से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में परिणत करने का निर्णय लिया। दोनों देशों के बीच उद्योग क्षमता सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर हुए, जिसमें चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के साथ-साथ संचार, पर्यावरण, संस्कृति, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग पर सहमति जताई गई।

चीन और जीसीसी ने भी वर्ष 2016 में व्यापक मुक्त व्यापार समझौता की दिशा में कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई। चीन और जीसीसी के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता जुलाई 2004 में शुरू हुई थी, लेकिन 200 में यह प्रक्रिया रुक गई थी। शी की इस यात्रा के दौरान चीन और सऊदी अरब ने फिलीस्तीन, सीरिया, यमन, आतंकवाद के खिलाफ अभियान तथा मध्य-पूर्व को परमाणु मुक्त बनाने जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी समान रुख स्पष्ट किया।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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