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प्रादेशिक

एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के चलते प्रदेश के 06 जिले वैश्विक महामारी को हराने में सफल हुए हैंः सीएम योगी

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लखनऊ। कोरोना संक्रमण के प्रकोप से लगातार यूपी की स्थिति बेहतर होती जा रही है। शुक्रवार को 06 जनपद कोरोना से पूरी तरह मुक्त हो गये हैं। 36 जनपदों में इकाई में मरीज पाए गये हैं।

प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी की दर 0.04 पहुंच गई है जो एक बड़ी उपलब्धि बना है। पिछले कई दिनों से 38 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया है। उपचार पा रहे सभी मरीज स्वस्थ हो गये हैं। 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में यूपी मॉडल से कोरोना पूरी तरह से समाप्ति की ओर पहुंच चुका है।

सरकार के एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के चलते प्रदेश के 06 जिले वैश्विक महामारी को हराने में सफल हुए हैं। इनमें अलीगढ़, हाथरस, कसगंज, ललितपुर, महोबा, श्रावस्ती शामिल हैं। इन सभी जिलों में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।

इन सभी जिलों में कोविड की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन ने बड़ी जिम्मेदारी निभाई है।

प्रदेश सरकार ने महामारी को मात देने में प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग की तारीफ करी है। इसके साथ में सरकार ने कोरोना मुक्त ह़ए सभी जिलों में एग्रेसिव टेस्टिंग को जारी रखने और टेस्ट की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं आने देने के निर्देश दिये हैं। सरकार पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि कोरोना से मुक्त होने वाले जनपदों में अगर एक सप्ताह तक संक्रमण का कोई केस नहीं आता है तो उन जनपदों को पुरस्कृत किया जाएगा।

सरकार ने दिये और अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश

देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे तेज कोरोना संक्रमण को नियंत्रित वाले उत्तर प्रदेश में सरकार ने और अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिये है। इसके लिये अन्य राज्यों से ट्रेन, हवाई जहाज, बस आदि से समूह में प्रदेश में आ रहे लोगों की जांच की व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिये गये हैं। स्वच्छता के विशेष अभियान को चलाए रखने, टीकाकरण अभियान को गति देने के साथ ही, अस्पतालों में इलाज की व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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