उत्तर प्रदेश
36.51 करोड़ पौधरोपण से काफी आगे निकली योगी सरकार
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाला उत्तर प्रदेश अब और भी आगे निकल गया। 20 जुलाई से 30 सितंबर के मध्य उत्तर प्रदेश में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण कर लिए गए। 13.53 पौधरोपण के साथ ग्राम्य विकास विभाग निरंतर शीर्ष पर है, जबकि वन विभाग की तरफ से लगाए गए 12.92 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। वहीं जनपदों में सोनभद्र शीर्ष पर है। यहां एक करोड़ 55 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है।
20 जुलाई से 30 सितंबर के बीच लगे 36.80 करोड़ पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जुलाई को लखनऊ से पौधरोपण कर ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जनअभियान-2024’ का शुभारंभ किया था। इसी दिन मुख्यमंत्री ने गोरखपुर व प्रयागराज में भी पौधरोपण कर अभियान को धार दी थी। 20 जुलाई को 36.50 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य था, लेकिन उस दिन 36,51,45,477 करोड़ पौधे लगाए गए, जो सरकार के लक्ष्य से 1,45,477 अधिक रहे। सीएम योगी के निर्देशन में यह अभियान 20 जुलाई से निरंतर चलता रहा। सभी के संयुक्त प्रयास का परिणाम रहा कि 20 जुलाई से 30 सितंबर के मध्य यह आंकड़ा 36.51 करोड़ से आगे बढ़कर 36.80 करोड़ पौधरोपण तक पहुंच गया। वन, वन्य जीव व पर्यावरण विभाग के नेतृत्व में सभी विभागों के संयुक्त प्रयास से यह सफलता अर्जित की गई।
सोनभद्र शीर्ष पर, 1.55 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए
अभियान के तहत सर्वाधिक पौधरोपण सोनभद्र में किया गया। 20 जुलाई को सोनभद्र में 1.53 करोड़ पौधे लगाए गए थे। 30 सितंबर तक यहां 1.55 करोड़ पौधरोपण हो गए। झांसी में 20 जुलाई को 97 लाख पौधे लगाए गए थे, जो अब बढ़कर 98.70 लाख हो गए। लखीमपुर खीरी में 95 लाख से बढ़कर 30 सितंबर तक का आंकड़ा 96.18 लाख हो गया है। जालौन में 20 जुलाई को 94 लाख पौधे लगे थे। 30 सितंबर तक यहां 95.22 लाख पौधे लगाए गए। मीरजापुर में 93 लाख से बढ़कर 30 सितंबर तक 94.06 लाख पौधे लगा दिए गए।
ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से किए गए सर्वाधिक पौधरोपण
ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से सर्वाधिक पौधरोपण किए गए हैं। 30 सितंबर तक विभाग ने 13,54,62,142 पौधे लगाए। वहीं वन विभाग की तरफ से इस अवधि में 12,92,66,486 पौधरोपण कर उत्तर प्रदेश की हरियाली बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई। कृषि विभाग ने 28946222 करोड़ पौधे लगाए। उद्यान विभाग 1 करोड़ 61 लाख और पंचायती राज विभाग की तरफ से 1करोड़ 18 लाख से अधिक पौधा लगाया गया।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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