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योगी सरकार की ट्रिपल रणनीति के दिखे सकारात्मक परिणाम, एक्टिव केस घटकर हुए इतने

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लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर तेजी से काबू पाते हुए योगी सरकार ने अस्‍पतालों को चिकित्‍सीय सुविधाओं से लैस किया है। पहले जहां प्रदेश में ऑक्‍सीजन प्‍लांट, बेडस, एंबुलेंस, वेंटिलेटर, मेडिकल कॉलेजों की संख्‍या न्‍यूनतम स्‍तर पर थी वहीं योगी सरकार ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करते हुए प्रदेश में कम समय में चिकित्‍सीय सुविधाओं का तेजी से विस्‍तार किया।

ट्रिपल टी की रणनीति के अनुसार प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर पर लगाम लगाते हुए सरकार ने संभावित तीसरी लहर से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में महज 128 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए इस दौरान 305 लोगों ने कोरोना को मात दी है। प्रदेश में अब केवल 2264 एक्टिव केस ही रह गए हैं।

प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 88 लाख से अधिक कोरोना की जांचें की गई। इसके साथ ही युद्धस्‍तर पर टीकाकरण किया गया जिसके सकारात्‍मक परिणाम सभी को देखने मिले। प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर अब 98.5 फीसद पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में पॉजिटिविटी दर 0.06 फीसद पाई गई, जबकि कोविड काल की अब तक ओवरऑल पॉजिटिविटी दर 2.9 फीसद रही है। कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर सरकार ने पुख्‍ता रणनीति के अनुसार काम कर रही है। अब तक प्रदेश में लिए गए एक भी सैंपल में डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी और टेस्टिंग तेजी से की जा रही है। दूसरे राज्यों से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बता दें कि लखनऊ के केजीएमयू और वाराणसी के बीएचयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।

यूपी में दी गई एक करोड़ से अधिक वैक्‍सिनेशन की डोज

‘सबका साथ, सबका विकास, मुफ्त वैक्सीन, सबको वैक्सीन’ के मूल मंत्र पर हो रहा टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश में तीन जुलाई तक तीन करोड़ 26 लाख 09 हजार 923 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। 01 करोड़ 02 लाख से अधिक डोज 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को लगाई गई है। जबकि 48 लाख 22 हजार प्रदेशवासियों ने वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। सीएम हेल्पलाइन के जरिए लगातार प्रदेश में प्रधानों, कोटेदारों और आम लोगों से संपर्क स्‍थापित कर कोरोना संक्रमण से बचाव और टीका लगवाने की अपील कर रही है।

36 जिलों में नहीं मिले एक भी केस

कोरोना संक्रमण के खिलाफ अपनाई गई रणनीति जमीनी स्‍तर पर रंग ला रही है जिसका परिणाम है कि  36 जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी मामले सामने नहीं आए वहीं 37 जिलों में 10 से कम नए कोरोना के केस दर्ज किए गए।  यूपी ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर हो रहा है प्रदेश में 528 ऑक्‍सीजन प्‍लांट पर तेजी से काम किया जा रहा है जिसमें से अब तक  133 ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में क्रियाशल हो चुके हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन जेनरेटर के जरिए 15 फीसदी ऑक्सीजन की 3300 बेडों पर आपूर्ति हो रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से सटे हर जिले में एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर्स लगाए जा रहे हैं।

सोमवार से प्रदेश में खुलेंगे मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल, जिम और स्पोर्ट स्टेडियम

प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बेहतर होते हालातों के बीच   पांच जुलाई से मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल, जिम और स्पोर्ट स्टेडियम को कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ संचालित होंगे। बता दें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सीएम ने आला अधिकारियों को अस्पतालों में बाइपैक मशीन, पीडियाट्रिक आईसीयू, मोबाइल एक्सरे मशीन सहित सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीडियाट्रिक विशेषज्ञों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को भी पूरे करने के निर्देश दिए हैं।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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