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उत्तर प्रदेश

‘जलवायु परिवर्तन’ के दुष्प्रभावों के प्रति केजीबीवी की छात्राओं को जागरूक करेगी योगी सरकार

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लखनऊ। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर और अत्यधिक संवेदनशील मुद्दा बन गया है, जिससे दुनिया भर के देश प्रभावित हो रहे हैं। इसके बढ़ते प्रभावों और भविष्य में होने वाले खतरों से निपटने के लिए कई देश और राज्य अपने-अपने स्तर पर ठोस कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक नई पहल शुरू की है, जो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं को न सिर्फ जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करेगी बल्कि सुझाये गये उपायों को उनके व्यवहार में भी शामिल करने प्रेरित भी करेगी।

28 सितम्बर 2024 से 15 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों और उसके समाधान के बारे में जागरूक करना है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों और छात्राओं के बीच सीधा संवाद स्थापित कराया जाएगा, ताकि बालिकाएं न केवल इस समस्या को समझें, बल्कि इसके समाधान के लिए अपने दैनिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला सकें।

विभिन्न सत्रों में मिलेगा मार्गदर्शन

इस पहल के अंतर्गत, यूनिसेफ के सहयोग से मीना मंच और केजीबीवी की छात्राओं व सुगमकर्ताओं के साथ जागरूकता सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जो मीना मंच की गतिविधियों के साथ संयोजित रहेंगे। इन सत्रों का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से होगा। कार्यक्रम के विशेषज्ञों में से एक डॉ. अनीता भटनागर जैन (सेवानिवृत्त आईएएस) इन सत्रों के दौरान बालिकाओं के साथ सीधा संवाद करेंगी।

छात्राओं को मिलेंगे टास्क

सत्र के दौरान छात्राओं को विभिन्न टास्क दिए जाएंगे, जिनका संकलन गूगल फॉर्म के माध्यम से किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें व्यवहारिक रूप से सक्षम बनाना है, ताकि वे जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों का सामना कर सकें और अपने जीवन कौशल को सशक्त कर सकें।

व्यवहार में सतत विकास की भावना विकसित करने का है प्रयास

छात्राओं को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से बचने के उपायों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह पहल आने वाली पीढ़ियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और उनके व्यवहार में सतत विकास की भावना विकसित करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मिलेगी मदद

योगी सरकार का यह कदम न केवल छात्राओं में बल्कि समाज के व्यापक वर्गों में भी जागरूकता फैलाने में सहायक साबित हो सकता है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश

04 जोन में 107 बीटों के रक्षक करेंगे 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखते हुए 45 करोड़ लोगों की सुरक्षा का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके लिए जल पुलिस के लिहाज से चार जोन का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। जिसमें बाकायदा 107 बीटों में बंटे सुरक्षा कर्मी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए मौके पर तैनात रहेंगे। यहां कुल 10 कंपनी पीएसी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ और 141 सुरक्षाकर्मियों के अलावा 700 नावों पर रक्षक तैनात किए जा रहे हैं। इनके साथ स्वास्थ्य कर्मियों की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं।

107 बीटों पर तैनात रहेंगे सुरक्षा कर्मी

आईजी पीएसी पूर्वी जोन डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ में 10 कंपनी पीएसी देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहेगी। महाकुंभ के दौरान यहां प्रयागराज में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। संगम में स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। जिसमें सुरक्षा कर्मियों को 107 बीटों में बांटा गया है। यही नहीं स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए इसके लिए बाकायदा चिकित्सक और जन औषधि केंद्रों से युक्त आधुनिक वाटर कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। जल पुलिस अलग से थाने और चौकियों के साथ 16 सब कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी में लगी है। जिससे पलक झपकते ही श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया कराई जा सके।

रिफ्लेक्टिव रिवर लाइन का नहीं किया जा सकेगा उल्लंघन

उन्होंने बताया कि कोई अनहोनी न होने पाए, इसके लिए थर्मो-प्लास्टिक के फ्लोटिंग ब्लाक्स को जोड़कर बैरिकेडिंग बनाई जा रही है, जिस पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे। स्नान के दौरान नावों के टकराने की कोई आशंका नहीं रहेगी, इसके भी पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जिसके तहत सौर ऊर्जा का प्रयोग कर रिफ्लेक्टिव रिवर लाइन बनाई जा रही है। जिसकी वजह से कोई भी नाविक लेन का उल्लघंन नहीं कर पाएगा।

चार जोन का सुरक्षा चक्र

महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। इसके तहत जल पुलिस को चार जोन में बांटकर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

पहला जोन (संगम क्षेत्र)

पहला संगम का घेरा रहेगा, जिसमें 25 बीट में 290 पीएससी, एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 8 पीएससी गोताखोर, 30 सुरक्षाकर्मी, 18 प्राइवेट गोताखोर, 26 होमगार्ड, 27 मोटर बोट और 113 नाव सुरक्षा इंतजाम में लगाए गए हैं।

दूसरा जोन (बरगद घाट)

दूसरा बरगद घाट का घेरा रहेगा। इस दूसरे जोन में 28 बीट में 33 सुरक्षाकर्मी, 100 पीएसी व एनडीआरएफ एसडीआरएफ, 50 होमगार्ड, 40 पीएससी गोताखोर, 50 प्राइवेट गोताखोर, 24 मोटर बोट और 77 नाव रहेंगी।

तीसरा जोन (संगम क्षेत्र से दुर्वासा)

तीसरा जोन संगम क्षेत्र से दुर्वासा का होगा। इस तीसरे जोन में 16 बीट के अंतर्गत 21 सुरक्षाकर्मी, 68 पीएसी व एसडीआरएफ, एनडीआरफ, 16 प्राइवेट गोताखोर, 28 होमगार्ड, 8 मोटर बोट और 99 नाव सुरक्षा के लिए उपलब्ध रहेगी।

चौथा जोन (संगम क्षेत्र से फाफामऊ)

चौथा जोन 38 बीटों वाला रहेगा, जिसमें 50 सुरक्षाकर्मी और पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ 210, 14 पीएससी गोताखोर, 19 प्राइवेट गोताखोर, 64 होमगार्ड, 33 मोटर बोट और 311 नाव रहेंगी।

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