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प्रादेशिक

नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल का आयोजन कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ| आम जनमानस को आर्द्र भूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक करने के लिये प्रतिवर्ष दो फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नेतृत्व में विश्व वेटलैण्ड दिवस पर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में 27 जनवरी से दो फरवरी तक नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल-2024 मनाया जाएगा।

 योगी सरकार की तरफ से पूरे सप्ताह कई जनपदों में योगी सरकार अनेक आयोजन कराएगी। 27 जनवरी को शहीद चन्द्र शेखर आजाद पक्षी विहार, नवाबगंज, उन्नाव में बर्ड फेस्टिवल का शुभारंभ होगा। इसमें योगी सरकार की तरफ से वन राज्यमंत्री केपी मलिक मौजूद रहेंगे।
28 जनवरी को गोविन्द सागर बांध, ललितपुर वन प्रभाग ललितपुर, 29 जनवरी को राज्य पक्षी सारस अभ्यारण्य, बखिरा संतकबीरनगर वन प्रभाग में फेस्टिवल का आयोजन होगा। 30 जनवरी को लाखबहोसी पक्षी विहार, कन्नौज, लुप्तप्राय परियोजना, 31 जनवरी को सूरजपुर वेटलैण्ड, गौतमबुद्धनगर वन प्रभाग, गौतमबुद्धनगर में राज्य स्तरीय आयोजन होगा। पहली फरवरी को प्रयागराज संगम क्षेत्र, सामाजिक वानिकी प्रभाग, प्रयागराज तथा दो फरवरी को हैदरपुर वेटलैण्ड, मुजफ्फरनगर वन प्रभाग में इससे जुड़े आयोजन होंगे।

अनेक प्रतियोगिताओं का भी किया जाएगा आयोजन

बर्ड फेस्टिवल के आयोजन में वन विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों एवं संस्थाओं यथा शैक्षिक संस्थानों, वन्यजीव फोटोग्राफर्स आदि की सहभागिता रहेगी। साथ ही रंगोली प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पोस्टर व स्लोगन प्रतियोगिता, पेन्टिंग प्रतियोगिता, फोटोग्राफी प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी आदि आयोजित की जाएगी। उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

2023 में महोबा में हुआ था आयोजन

उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय कार्यकम के रूप में 2017 में दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर खीरी, वर्ष 2019 में नवाबगंज पक्षी विहार, उन्नाव: वर्ष 2020 में सूरसरोवर पक्षी विहार, कीठम-आगरा एवं वर्ष 2021 में ओखला पक्षी विहार, गौतमबुद्धनगर में आयोजित किया गया। कोविड महामारी के कारण वर्ष 2022 में बर्ड फेस्टिवल का आयोजन नहीं किया जा सका। वर्ष 2023 में विजय सागर पक्षी विहार, महोबा में बर्ड फेस्टिवल को नेचर एवं बर्ड फेस्टिवल-2023 के रूप में आयोजित किया गया।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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