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ऑफ़बीट

आज के पुरुष युवा महिलाओं को नहीं बल्कि ऐसी महिलाओं को करते हैं ज्यादा पसंद

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वैसे तो लोगों का ये मानना है कि अधिक उम्र के पुरुषों को युवा महिलाएं अधिक भाती हैं। पर लोगों का मानना पूर्णरूप से सही नहीं है, ये बात हम नहीं कर रहे हैं, अभी एक रिसर्च ठीक इसके विपरीत हुई है। तो आइये जानते हैं कि क्या कहती है ये रिसर्च।

सर्वे के अनुसार, पुरुषों को सेक्‍सुअल पार्टनर के रूप में केवल युवा महिलाएं ही आकर्षित नहीं करती बल्कि इस मामले में उन्‍हें हम उम्र की महिलाएं भी भाती है। वैसे रिसर्च में ये भी बात सामने आई कि पुरुषों के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। लेकिन वे 40 की उम्र में 22 साल की महिला को डेट करने के बारे में सोच सकते हैं। यहां तक की इससे उपर कहने का मतलब है कि 50-60 की उम्र में भी वे ऐसा सोच सकते हैं।

अगर वहीं हम महिलाओं के बारे में बात करें तो, महिलाओं के मामले में ये बात एकदम उलट है। ‘फ़िनलैंड के तुर्कू में अको अकादमी विश्वविद्यालय’ के साइक्लोजिस्ट इस बात की पुष्टि करते हैं कि महिलाएं उम्र को लेकर बहुत सजग रहती हैं। वे अपने पार्टनर के रूप में अपने हमउम्र या फिर अपनी आयु से बड़े पुरुषों के साथ डेट करना पसंद करती हैं।

जानें आखिर क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट-
सर्वे के प्रमुख शोधकर्ता ‘जन एंटफ्कोक’ का मानना है कि महिलाएं इस कारण से हम उम्र या अधिक उम्र के पार्टनर चुनना पसंद करती हैं क्योंकि वे उन्हीं को अपना सेक्सु्अल पार्टनर बना पाएंगी जो उन्हें समझते हैं और जिसकी वे इज्जत कर सकें।

ये रिसर्च लगभग 2,655 व्यस्क लोगों पर की गई। रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि 20 वर्ष की उम्र की महिलाओं की सेक्सुअल एक्टिविटीज उनकी उम्र को दर्शाती हैं। लेकिन ये जरूरी नहीं कि पुरुष जिन कम उम्र की महिलाओं को डेट कर रहे हैं वे उनके साथ सेक्सुअल रिलेशन भी रखें। ये कोई जरूरी नहीं है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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