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अखलाक के भाई को छोड़कर अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक

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अखलाक लखनऊ| इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मोहम्मद अखलाक के परिवार के छह सदस्यों की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को रोक लगा दी। गौतमबुद्ध नगर के बिसाहड़ा गांव में बीते साल सितंबर में अखलाक को हिंसक भीड़ ने कथित तौर पर बीफ खाने को लेकर मार डाला था।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रभात चंद्र त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की पीठ ने हालांकि अखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है। जिन लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगी है, उनमें अखलाक की पत्नी इकरामान तथा मां असगरी शामिल हैं।

ग्रेटर नोएडा की एक अदालत ने 14 जुलाई को अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। बिसाहड़ा गांव के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार ने पुलिस से पूरे मामले की जांच करने को कहा था।

मई में फॉरेंसिक की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अखलाक के घर में बना मांस गाय या उसके बछड़े का था, जिसके बाद अखलाक के परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि अखलाक के परिवार ने गाय के एक बछड़े को मारा और अखलाक के भाई जान मोहम्मद को बछड़े का गला काटते हुए देखा गया।

बीते साल अफवाह उड़ी कि अखलाक के परिजनों ने एक गाय को काटकर खाया, जिसके बाद भीड़ ने 28 सितंबर, 2015 को 52 वर्षीय अखलाक मोहम्मद को पीट-पीटकर मार डाला और उसके बेटे दानिश को घायल कर दिया। मामले में 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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