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अखिलेश सरकार की निगाह भी जेल की जमीन पर!

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अखिलेश सरकार, सम्मपूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान, मुख्यमंत्री मायावती, आदर्श करागार एवं नारी बन्दी निकेतन,

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जेटीएस की चार एकड़ जमीन पर मेट्रो आवासीय परिसर बनाने की तैयारी
राकेश यादव

लखनऊ। मायावती के बाद अब अखिलेश सरकार की भी नजर जेल रोड कर जमीन पर पड गई है। प्रदेश की सपा सरकार ने पुरानी जेल स्थित सम्मपूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान (जे.टी.एस.) परिसर की जमीन पर नये निर्माण का खाका तैयार कर लिया है। इस जमीन का उपयोग राज्य सरकार मेट्रो का काम कराने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवासीय सुविधा मुहैया कराने के लिये करने जा रही है। प्रशिक्षण संस्थान के एक हिस्से में जहां जेल कर्मियों के आवास बने हुए है उसी स्थान पर करीब चार एकड़ भूमि पर मेट्रो कर्मियों की आवासीय कालोनी तैयार की जायेगी। राज्य सरकार ने इस अन्तिम रूप दे दिया है। उधर विभागीय अधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है।

प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार में बसपा सुप्रीमों एवं प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने राजधानी की जिला जेल, आदर्श करागार एवं नारी बन्दी निकेतन (महिला जेल) को शहर के मध्य में होने के बात कहकर हटाने का निर्णय लिया गया है। करीब दो सौ दो एकड जमीन मे निर्मित हुई जिला जेल, आदर्श कारागार एवं नारी बन्दी निकेतन (महिला जेल) को तमाम विरोध के बावजूद आनन फानन मे मोहनलाल गोसाइगंज मार्ग पर स्थानांतरित करा दिया।

सैकडों वर्ष पुरानी इन जेलों को हटाये जाने का तमाम स्वयं सेवी सस्थाओं ने विरोध भी किया। इस विरोध के बावजूद बसपा सुप्रीमों ने सैकडों वर्ष पुरानी इन जेलों को ध्वस्त करा दिया। ध्वस्त हुई जेलों के घ्वस्तीकरण के बाद खाली हुए स्थान पर बसपा सुप्रीमों ने नारी बन्दी निकेतन (महिला जेल) एवं आदर्ष कारागार की जमीन पर बसपा के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की स्मृति मे विषाल कांशीराम स्मारक स्थल का निर्माण कराया। इसके अलावा जिला जेल एवं जेल आवासीय परिसर की खाली हुई जमीन पर मान्यवर कांशीराम ईको पार्क (ग्रीन गार्डन) का निर्माण कराया।

प्रदेश की पूर्व माया सरकार की तर्ज पर अब समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार भी जेल की जमीन पर कब्जा करने की तैयारी पर है। यह अलग बात है कि प्रदेश की सपा सरकार इस सरकारी जमीन का इस्तेमाल व्यक्ति विशेष के स्मारक एवं पार्क के लिये नही बल्कि राजधानी लखनऊ को मेट्रो की सेवा देने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवासीय परिसर के लिए करने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि मेट्रों आवासीय परिसर के लिए मेट्रो अधिकारियों एवं शासन के उच्च अधिकारियों एवं कारागार विभाग के मुखिया (आई.जी जेल) सहित एक दल ने सम्मपूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान परिसर की इस जमीन का निरक्षण भी कर लिया है। बताया गया है कि परिसर मे बने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिये बनाये गये करीब 42 अवासों को ध्वस्त कर इसी स्थान पर मेट्रो आवासीय कालोनी बनाये जाने की योजना है। इस योजना को अन्तिम रूप दे दिया गया है। इसके जल्दी निर्माण होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।

बताया गया है कि मेट्रो का निर्माण कर रही एल.एंड.टी कम्पनी मेट्रो आवासीय परिसर बनाने से पूर्व जेल परिसर की जमीन पर ही ध्वस्त किये गये आवास बना कर भी देगी। इस बाबत लखनऊ परिक्षेत्र के डीआईजी जेल शरद ने बताया यह काफी पुराना मामला है सरकार ने मेट्रो के आवासीय परिसर के लिए जमीन देने का फैसला लिया है। संस्थान के निदेशक वी.के जैन ने परिसर की चार एकड़ जमीन पर मेट्रो आवासीय परिसर बनाये जाने की पुष्टि की है।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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