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अगले सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार चाहता है यूएनजीए

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संयुक्त राष्ट्र, 22 जुलाई (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष निर्णय लेने की क्षमता वाली इकाई सुरक्षा परिषद को 21वीं सदी के अनुरूप गठित करने के लिए इसमें सुधार की कोशिशों को मुट्ठी भर देशों की हठधर्मिता के चलते बाधित करने और सुधार पर चर्चा करते हुए एक साल और बिताने के बाद संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) ने जोर दिया है कि अगले सत्र में सुरक्षा परिषद में सुधार हो।

हर वर्ष अदा की जाने वाली रस्म की तरह आम सभा ने बुधवार को फैसला किया कि अगले सत्र के मुख्य एजेंडा में सुरक्षा परिषद में सुधार ही होगा।

संयुक्त राष्ट्र आम सभा का अगला सत्र सितंबर में शुरू हो रहा है, जिसमें सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतर-सरकारी बातचीत (आईजीएन) जारी रहेगी। इसके अलावा आगामी सत्र में सुरक्षा परिषद को बराबरी का प्रतिनिधित्व वाला बनाने और इसके प्रसार को लेकर ‘सीमा-मुक्त कार्य समूह’ का आयोजन भी किया जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने आईजीएन के काम-काज की समीक्षा करते हुए आईएएनएस से कहा, इस साल हुई चर्चा-परिचर्चा कहीं अधिक संवादपरक और उत्पादक रही।

उन्होंने कहा, उन्होंने चर्चा के दौरान सभी पहलुओं पर बात की और आगामी सत्र में चर्चा को अगले चरण में ले जाने का आधार तैयार किया है।

हालांकि सुरक्षा परिषद में सुधार पर जोर दे रहे देशों के समूह एल 69 की एक प्रतिनिधि इंगा रोंडा किंग ने बुधवार को आक्षेप लगाते हुए कहा था कि मुट्ठी भर देशों की हठधर्मिता के चलते मुद्दे पर हकीकत में कुछ नहीं हो सका है, जबकि आम सभा इस मुद्दे पर 25 वर्षो से चर्चा कर रही है।

भारत भी इस समूह एल 69 का सदस्य है, जिसमें 42 देश शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र में सैंट विंसेंट और ग्रेनाडाइंस की स्थायी प्रतिनिधि किंग ने कहा, हमने इस तरह की तथाकथित लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं देखी, जिसमें 85 फीसदी सदस्यों की सहमति के बावजूद एक संगठन किसी मुद्दे पर कोई वास्तविक कार्रवाई नहीं कर पा रहा।

उन्होंने यह भी कहा कि 160 देशों का मानना है कि इस मुद्दे पर चर्चा के इतने पहलू हैं कि इस पर लिखित चर्चा हो।

आम सभा की बैठक में एल 69 की प्रतिनिधि के तौर पर बोलते हुए किंग ने किसी देश या समूह विशेष का तो नाम नहीं लिया, लेकिन वह साफ तौर पर इटली के नेतृत्व वाले यूनाइटेड फॉर कंसेन्सस (यूएफसी) समूह का विरोध करती नजर आईं, जिसमें पाकिस्तान भी एक सदस्य है और जो सुरक्षा परिषद में सुधार प्रक्रिया को किसी भी तरह रोकना चाहता है।

आम सभा में बुधवार को भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान की ओर से बोलते हुए जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि हाराल्ड ब्रॉन ने निराश स्वर में कहा, हमने लिखित बातचीत के लिए अब तक तैयारी भी शुरू नहीं की है।

ब्रॉन ने कहा, यह संयुक्त राष्ट्र में अब तक न हो सकी चर्चाओं की शुरुआत की मानक संचालन प्रक्रिया है।

जी-4 समूह में आने वाले भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी के बीच संशोधित सुरक्षा परिषद में एकदूसरे की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं और सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

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नेशनल

आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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