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हेल्थ

अच्छी नींद ही तेज दिमाग की कुंजी

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लंदन| आज के भागते-दौड़ते जीवन में लोगों की याददाश्त पर काफी असर पड़ रहा है। कभी-कभी हम भाग-दौड़ में काफी अहम चीजों को कमजोर याददाश्त के कारण भूल जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, एक अच्छी नींद ही तेज दिमाग की चाबी है। उनका कहना है कि अच्छी नींद लेने के बाद हम उन तथ्यों को याद रखने में सक्षम होते हैं जो हम कभी-कभार जागते हुए भी याद नहीं रख पाते हैं।

ब्रिटेन की एक्सीटर यूनिवर्सिटी तथा स्पेन में स्थित संज्ञान, दिमाग और भाषा के लिए बसीक केंद्र की टीम के अनुसार नींद के कारण न सिर्फ हम अपनी याददाश्त को सुरक्षित रख पाते हैं, बल्कि इसे आसानी से दोहरा भी सकते हैं।

एक्सीटर यूनिवर्सिटी के निकोलस डुमे का कहना है कि नींद के कारण हम अपने दिमाग में छिपी कई चीजों को याद कर सकते हैं, अच्छी नींद से याददाश्त को बरकरार रखने की जो क्षमता मिलती है, उससे ये संकेत मिलते हैं कि कुछ स्मृतियां सारी रात नींद के दौरान और भी तेज होती रहती हैंयह इस धारणा का समर्थन करता है कि सोते हुए हम महत्वपूर्ण जानकारियों का अभ्यास करते हैं।

जहां एक स्थिति में लोग 12 घंटे तक जागने के कारण कुछ जानकारियों को भूल जाते हैं, वहीं दूसरी स्थिति में रातभर की नींद से हम उन जानकारियों को आसानी से याद कर पाते हैं, जिन्हें शुरुआती तौर में जागते हुए याद करने में एक हफ्ते का समय लगता है।

डॉ. डुमे का मानना है कि मस्तिष्क में टेम्पोरल लोब की एक आंतरिक संरचना हिप्पोकैम्पस के ही कारण याददाश्त को बनाए रखने में बढ़ावा मिलता है, ये इंसान के मस्तिष्क में दबी हुई चीजों को बाहर लाता है और उन्हें मूल रूप से दिमाग के उसी छिपे हुए स्थान पर फिर से रीप्ले करता है। इस रीप्ले के कारण हम दिनभर में हुए महत्वपूर्ण अनुभवों को अपने मस्तिष्क में जीवित रख पाते हैं।शोध के दौरान टीम ने उपन्यास के पढ़े गए शब्दों को दोहराया, जो उन्होंने या तो नींद से पहले अध्ययन किया था।

इसके बाद जब उनसे दोनों स्थितियों के दौरान अध्ययन की गई चीजों को दोहराने के लिए कहा गया तो इससे ये तथ्य सामने आया कि जागते रहने की तुलना में इंसान नींद के दौरान अध्ययन की गई चीजों को दोहराने में ज्यादा सक्षम होता है।

इस तथ्य पर अधिक अभ्यास के बाद अंत में यही निष्कर्ष निकाला गया कि नींद न सिर्फ याददाश्त को बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि उसे बेहतर तरीके से दोहराए जाने में भी मदद करती है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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