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अजमेर दरगाह ब्लास्ट: दो दोषियों को उम्रकैद की सजा

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अजमेर दरगाह, सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन, एनआईएए, राजस्थान पुलिस,

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नई दिल्ली। 2007 के अजमेर धमाकों में फैसला आ गया है। करीब 9 साल पहले अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह में हुए बम धमाके मामले में दोषी पाए गए भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को एनआईए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। देवेंद्र पर 10 हजार और भावेश पर 5 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।

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सजा का ऐलान इससे पहले होना था लेकिन मामला बुधवार तक के लिए टाल दिया गया था। मामले के एक और आरोपी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। बम धमाके में तीन जायरीनों की मौत हो गई थी और पंद्रह अन्य घायल हो गये थे। राजस्थान पुलिस ने इस केस की शुरुआती जांच की थी लेकिन 2011 में यह केस एनआईए (NIA) को सौंप दिया गया था। इस केस में स्वामी असीमानंद का भी नाम आया था लेकिन एनआईए अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में आहता—ए—नूर पेड़ के पास 11 अक्टूबर 2007 को बम विस्फोट हुआ था। 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट में तीन जायरीन मारे गए थे और पंद्रह जायरीन घायल हो गए थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान एक लावारिस बैग मिला था। जिसमे टाइमर डिवाइस लगा जिंदा बम रखा था।

पिछली सुनवाई में देवेंद्र और भावेश दोनों पर 1-1 लाख रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया जा चुका है। मामले में एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है और तीन आरोपी संदीप डांगे, रामजी कलसांगरा और सुरेश नायर फरार चल रहा है। एनआईए ने 13 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इनमें से आठ आरोपी साल 2010 से न्यायिक हिरासत में बंद हैं। न्यायिक हिरासत में बंद आठ आरोपी स्वामी असीमानंद,हर्षद सोलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, भावेश पटेल, मेहुल कुमार,भरत भाई, देवेन्द्र गुप्ता हैं। एक आरोपी चन्द्र शेखर लेवे जमानत पर है।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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