Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अत्यधिक भीड़, तंग दरवाजे के कारण मची भगदड़ : पुजारी

Published

on

Loading

रांची| झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथधाम में सोमवार को भगदड़ मचने की वजह अत्यधिक भीड़ और मंदिर का तंग दरवाजा था। भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई है।

बैद्यनाथधाम मंदिर के मुख्य पुजारी कार्तिक मिश्रा ने बताया कि मंदिर में जल चढ़ाने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच पहले प्रवेश करने के लिए मची होड़ के कारण अव्यवस्था पैदा हो गई।

मिश्रा ने  फोन पर बताया, “सोमवार सुबह मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालु रविवार रात से ही कतारों में लग गए थे। सोमवार तड़के चार बजे जब मंदिर का फाटक खुला, तो लोगों के बीच मंदिर में पहले प्रवेश करने की होड़ लग गई और इससे वहां अव्यवस्था फैल गई।”

उन्होंने बताया, “मौके पर मौजूद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मामूली लाठीचार्ज किया, जिसके बाद भगदड़ मच गई।”

मिश्रा ने बताया कि भगदड़ में 60-70 लोग घायल हुए हैं, लेकिन इससे श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक उत्साह और जोश में फर्क नहीं पड़ा है।

उन्होंने कहा, “भगदड़ के बाद भी हजारों लोग भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए कतार में खड़े थे।”

उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रवेश द्वार बेहद तंग है और भगदड़ मचने का एक कारण यह भी है। मिश्रा ने कहा, “मुख्य मंदिर का प्रवेश द्वार बेहद तंग है, जिसमें से एक बार में एक-दो लोग ही गुजर सकते हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर प्रशासन के लिए हमेशा से मसला रही है।”

राजधानी रांची से देवघर की दूरी 300 किलोमीटर है। हिंदू कैलेंडर के श्रावण माह में 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यहां बैद्यनाथधाम मंदिर में जल चढ़ाने पहुंचते हैं। विशेषकर सोमवार के दिन मंदिर दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो लाख तक पहुंच जाती है।

पुलिस उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि भगदड़ मचने का कारण अत्यधिक भीड़ थी। उन्होंने बताया कि घायलों को देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

Continue Reading

Trending