Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अधीक्षक को रिवर्ट कर उसी जेल में बनाया जेलर

Published

on

Loading

राकेश यादव

– समायोजन मे फंसे एक अधीक्षक और एक जेलर

लखनऊ। कारागार विभाग में रिवर्ट किए गए अधिकारियों के तबादलों में जमकर गोलमाल किया गया है। तबादलों में शासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार कर दिया। शासन ने रिवर्ट हुए करीब एक दर्जन अधिकारियों का तबादला कर दिया। इसमें ललितपुर जेल के अधीक्षक रीबन सिंह को रिवर्ट कर जेलर बनाया गया और उन्हें उसी जेल में तैनाती दे दी गई। यह मामला विभागीय अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि रिवर्ट हुए अधिकारी को उसी जेल में तैनात किए जाने का कोर्ट का कोई निर्देश नहीं है। इस संदर्भ में अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन रियाज अख्तर ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि तबादले कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रदेश में कारागार विभाग के करीब एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को रिवर्ट किया गया। इसमें एक डीआईजी, वरिष्ठ अधीक्षक, दो वरिष्ठ अधीक्षक को अधीक्षक और आधा दर्जन अधीक्षक एवं जेलरों को पदावनत कर जेलर व डिप्टी जेलर बना दिया गया। सोमवार देर शाम शासन ने रिवर्ट हुए दो वरिष्ठ अधीक्षक, एक अधीक्षक एवं आधा दर्जन जेलरों को नए स्थानों पर तैनाती दे दी गई। इसमें नैनी सेन्ट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक बने शैलेन्द्र मैत्रया को जौनपुर जिला जेल का नया अधीक्षक बनाया गया। इसी प्रकार सहारनपुर जेल में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक से अधीक्षक बने रामधनी को आजमगढ़ जिला जेल का अधीक्षक एवं आजमगढ़ मे तैनात सेवा राम चौधरी को सहारनपुर और जौनपुर के उमेश सिंह को इटावा जिला जेल का अधीक्षक बनाया गया।

इसी क्रम में अधीक्षक से जेलर बने अशोक कुमार सागर को इटावा से पीलीभीत, रीबन सिंह को ललितपुर से ललितपुर, सुजीत कुमार को ललितपुर से सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़, कैलाश चंद्र को कानपुर देहात से झांसी, अनिल कुमार सुधाकर को उरई से ज्ञानपुर एवं ज्ञानपुर के जेलर जगदम्बा दुबे को शाहजहांपुर का जेलर बनाया गया। सूत्रों का कहना है कि इन स्थानांतरणों में अधीक्षक उमेश चंद्र और जेलर जगदम्बा दुबे को समायोजित किया गया है। ये दोनो अधिकारी रिवर्ट हुए अधिकारियों की सूची मे शामिल नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि अधीक्षक से रिवर्ट होकर जेलर बने करीब आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों में शामिल ललितपुर जेल के पदावनत जेलर रीबन सिंह की तैनाती को लेकर शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

जानकारी के अनुसार रिवर्ट हुए अधिकारियों का उसी जेल में तैनाती का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। इसके बावजूद कारागार मुख्यालय ने ललितपुर जेल अधीक्षक के पद से रिवर्ट होकर जेलर बने रीबन सिंह को उसी जेल में तैनाती दे दी गई।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending