नेशनल
अनंत सिंह पर लगा हत्या का आरोप, विधायक ने आरोपों को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया
पटना। बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह चार युवकों के अपहरण और उनमें एक की हत्या के मामले में घिर गए हैं। छह दिन पहले हुई इस वारदात का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि विधायक के इशारे पर चारों युवकों को अगवा किया गया और बाद में एक की हत्या कर दी गई। यह जानकारी मंगलवार को निवर्तमान एसएसपी जितेंद्र राणा ने पदभार छोड़ने के ठीक पहले दी। वहीं हत्या के मामले में नाम आने के बाद मोकामा से विधायक अनंत सिंह ने बुधवार को कहा कि एसएसपी रहे जितेंद्र राणा ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उनका नाम मामले में उछाला है।
पटना के एसएसपी जितेंद्र राणा का सोमवार देर रात मोतिहारी तबादला हो गया था लेकिन जाने से पहले अपने आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बड़ा खुलासा किया। एसएसपी के मुताबिक 17 जून को मोकामा विधायक अनंत सिंह के इशारे पर बाढ़ में चार व्यक्तियों का अपहरण किया गया और उनमें से एक की बाद में हत्या कर दी गई। एसएसपी के मुताबिक इस काम के लिए विधायक आवास से गाड़ियों में भरकर अपराधी भी भेजे गए। पुलिस को यह सनसनीखेज जानकारी विधायक के चार गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद मिली। इन अपराधियों ने बताया है कि विधायक के एक रिश्तेदार से छेड़खानी की घटना हुई थी। इसके बाद विधायक के कहने पर उन लोगों ने चारों को अगवा किया, जिसमें से तीन युवकों को छोड़ दिया और एक की हत्या कर दी।
अपहरण और हत्या के इस मामले में नाम सामने आने के बाद अनंत सिंह ने पटना के एसएसपी रहे जितेंद्र राणा पर आरोप लगाया कि वे उनके विरोधियों से पैसा लेकर उनके लिए काम करते थे। अनंत ने कहा कि चुनाव का समय है, इसलिए विरोधियों ने उनके खिलाफ साजिश रची है।
दूसरी ओर अनंत सिंह द्वारा जिन युवकों के अपहरण की बात कही जा रही है, उनके परिजनों ने कहा कि यह बात पूरी तरह झूठ है बल्कि विधायक ने उनकी जान बचाई है। उन्होंने कहा कि अनंत सिंह के लोगों ने उनकी जान बचाई, अन्यथा उनकी भी हत्या हो जाती। अपहृत युवकों के परिजनों ने कहा कि अपहरण व हत्याकांड में विधायक अनंत सिंह का कोई हाथ नहीं है। अनंत सिंह ने कहा कि युवकों के अपहरण के बाद खुद उनके परिजनों ने फोन कर अपहृत युवकों को छुड़ाने का आग्रह किया था। बाढ़ और लदमा में जो भी होता है उसका जिम्मेवार अनंत सिंह नहीं है।
नेशनल
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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