Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अपनी जान बचाता फिर रहा है आईएस का क्रूर हत्‍यारा

Published

on

आइएस का आतंकी जॉन, आतंकी नेटवर्क से कहीं दूर, 26 साल का ब्रिटिश आतंकी, मोहम्मद एमवाजी, बंधकों का सिर कलम, एक पत्रकार, स्फीफन सॉटलॉफ, जेम्स फोले, डेविट हेंस, एलान हैनिंग, पीटर कैसिग

Loading

लंदन। कई लोगों का सिर कलम कर क्रूर मौत बांटने वाला आइएस का आतंकी जॉन अपनी जान की सलामती के लिए अब छिपता फिर रहा है। सिर कलम कर कईयों को मौत के घाट उतारने वाला खौफनाक आतंकी संगठन आईएस का जेहादी जॉन आजकल आतंकी नेटवर्क से कहीं दूर भाग गया है। खबर के मुताबिक वह कहीं सीरिया में है और अपनी जान की सलामती के लिए छिप गया है।

26 साल का ब्रिटिश आतंकी जिसका वास्तविक नाम मोहम्मद एमवाजी है, जिसे दुनिया जेहादी जॉन के नाम से जानती है, उत्तरी अफ्रीका की ओर बढ़ा है। सूचना है कि वह कई हफ्तों पहले आतंकियों के ग्रुप को छोड़ चुका है। यह खबर एक अखबार डेली एक्सप्रेस में छपी है। अखबार के सूत्रों का कहना है कि आईएस को यदि ऐसा लगा कि वह अब आईएस के लिए उपयोगी नहीं है तो वह उसे छोड़ देगी। ऐसा माना जा रहा था कि ऐसी स्थिति में उसके साथ भी वही होता जो वह (जॉन) अब तक दूसरों के साथ करता आया था।

ब्रिटिश एक्सेंट में बात करने वाला जेहादी जॉन अभी तक काले कपड़ों में मुंह पर नकाब पहने वीडियो में दिखाई दिया है, जहां वह बंधकों का सिर कलम कर रहा है। कुवैत में पैदा हुआ जॉन एक पत्रकार, स्फीफन सॉटलॉफ, जेम्स फोले, डेविट हेंस, एलान हैनिंग और पीटर कैसिग की क्रूर हत्या में वांछित है।

अखबार के सूत्र का कहना है कि जॉन इस बात से डरा हुआ है कि उसे ब्रिटिश और अमेरिकी बंधकों के हत्यारे के रूप में पहचान लिया गया है। उसे डर है कि वह ब्रिटिश और अमेरिकी सेना द्वारा सीरिया या इराक में निशाना बनाया जा सकता है। उसे शक है कि दोनों देशों की सेना उसे खोजकर मार देंगी। लंदन का रहने वाला जॉन पहली बार अगस्त 2014 में एक अमेरिकी पत्रकार फोले को मारते हुए एक वीडियो में देखा गया था। अखबार के सूत्र यह भी बता रहे है कि कंप्यूटर साइंस से ग्रैजुएट जॉन ने अब सीरिया में छोटे जिहादी संगठन के साथ हाथ मिलाया है ताकि वह पहचाना न जा सके।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

Published

on

Loading

डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

Continue Reading

Trending