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‘अप्रवासी’ टिप्पणी पर भाजपा की आलोचना

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अगरतला| त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने बुधवार को दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों को ‘अप्रवासी’ कहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की। हालांकि भाजपा ने बाद में इसमें सुधार किया। सरकार ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “पूर्वोत्तर के राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। दिल्ली में रहने वाले पूर्वोत्तर वासी भी भारत के नागरिक हैं।”

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सरकार ने कहा, “दिल्ली में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों के साथ अप्रवासियों जैसा व्यवहार क्यों किया जाता है? यह पूरी तरह गलत धारणा है।”

दिल्ली विधानसभा चुनाव लिए भाजपा ने मंगलवार को 24 पृष्ठों का ‘विजन डॉक्यूमेंट’ जारी किया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे पूर्वोत्तर के ‘अप्रवासियों’ की सुरक्षा का वादा किया गया है।

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भारत में चीनी लहसुन की घुसपैठ, सेहत के लिए है काफी खतरनाक

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लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को शुक्रवार को तलब किया। कोर्ट ने इस दौरान सवाल किया कि प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है। कोर्ट की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में भी प्रश्न किया है और यह भी पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने “चीनी लहसुन” की बिक्री पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ‘चीनी लहसुन’ के हानिकारक प्रभाव होते हैं जिसकी वजह से देश में इस पर प्रतिबंध है। कोर्ट को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है. याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया।

लहसुन खरीदते समय इन बातों पर रखे ध्यान

लहसुन खरीदने के वक्त ध्‍यान रखें कि लहसुन की गांठ का साइज छोटा हो, क्‍योंकि देसी लहसुन, चाइनीज गार्लिक के मुकाबले कुछ छोटा दिखता है। जहां देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी आपको नजर आएंगी। दोनों के रंग में भी अंतर होता है। चाइनीज लहसुन क्योंकि कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से तैयार किया जाता है, इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का यूज होता है। यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार आपको नजर आएगा। वहीं देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए सफेद लहसुन होता है।

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