Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अबूझमाड़ की प्रसव पद्धति अपना रहा अमेरिका

Published

on

Loading

रायपुर। बस्तर के अंदरूनी इलाके में करीब 4000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अबूझमाड़ आज भी कई मायनों में आधुनिक दुनिया से कटा हुआ है और कई लोगों को यहां प्रचलित परंपराएं आदिमकालीन एवं अटपटी लग सकती हैं, लेकिन यहां की जनजातीय महिलाएं जिस पारंपरिक प्रसव पद्धति से बच्चे को जन्म देती हैं उसे अब अमेरिका में भी अपनाया जा रहा है।

अबूझमाड़ में सदियों से महिलाएं बैठे-बैठे ही बच्चे प्रसव करती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं से वर्षो से वंचित अबूझमाड़ की प्रसव की देशी पद्धति अब अमरीका जैसे विकसित देश भी अपना रहे हैं।

अमरीका में इस तरह प्रसव कराने के लिए एक करोड़ रुपये की लागत से विशेष कुर्सीनूमा उपकरण विकसित किया गया है।

छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ आज भी शेष दुनिया के लिए अजूबा बना हुआ है। राजस्व ग्राम के रुप में दर्ज नहीं होने के कारण अबूझमाड़ में कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है और मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं तक का पर्याप्त इंतजाम नहीं है।

अबूझमाड़ में जब गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होती है तो उसे लकड़ी के झूलेनुमा पाटे में बिठा दिया जाता है। महिला झूलेनुमा पाटे की दोनों ओर बंधी रस्सी को हाथों से पकड़कर बैठ जाती है और उसी पाटे में बैठे-बैठे बच्चे को जन्म देती है।

जानकारों का कहना है कि अबूझमाड़ में प्रसूति के लिए घर से बाहर एक झोपड़ी तैयार की जाती है, जिसमें गर्भवती महिला के लिए खाने-पीने का सामान, झूलेनुमा पाटे की व्यवस्था रहती है। इस विशेष झोपड़ी को गोण्डी भाषा में ‘कुरमा’ कहा जाता है।

प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की मानें तो बैठकर प्रसव में आसानी होती है, क्योंकि इससे पेट पर दबाव बनता है। इस तरह की पद्धति से अब विकसित देशों में भी प्रसव करवाने की शुरुआत होने लगी है और इसे वैज्ञानिक पद्धति माना जा रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बैठकर प्रसव कराने से बच्चे को बाहर निकालने के लिए सही कोण मिलता है और बच्चा मां की कोख से आसानी से बाहर आ जाता है।

ज्ञात रहे कि अबूझमाड़ में कुल 237 राजस्व गांवों का कुछ वर्ष पहले हवाई सर्वेक्षण हुआ था, लेकिन सच्चाई यह है कि अंतिम राजस्व सर्वे शायद शहंशाह अकबर के जमाने में हुआ था।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

Published

on

Loading

ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

Continue Reading

Trending