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बिजनेस

अब ऑनलाइन खरीदें गोबर के उपले

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नई दिल्ली| इस त्योहारी सीजन अब सिर्फ पटाखे और कपड़े ही नहीं, बल्कि गोबर के उपलों को भी ऑनलाइन खरीदा जा सकेगा। बिग बास्केट, शॉपक्लयूज, अमेजॉन और होमशॉप 18 जैसी ई-वाणिज्य कंपनियां ने इस साल पूजा सामग्री (कपूर, अगरबत्ती आदि) ऑनलाइन पेश की है, जिसमें गोबर के उपले भी शामिल हैं। इसका उपयोग दिवाली के आसपास चुनिंदा हिंदू रीति-रिवाजों और हवन में किया जाता है।

शॉपक्लयूज के सह संस्थापक राधिका अग्रवाल ने आईएनएस को बताया, “हमने त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया है कि हमारे उपभोक्ताओं को शॉपक्लयूज में बेहतरीन भारतीय उत्पाद प्राप्त हो, विशेष रूप से पूजा और नवरात्रि के आसपास।”

उन्होंने कहा, “इस त्योहारी सीजन गोबर के उपलों के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं।”

कुछ कंपनियां 24 गोबर के उपलों के पैकेज बेच रही हैं, जबकि अन्य कंपनियों का चार से 11 उपलों का पैकेज बाजार में है। गोबर के चार उपलों की कीमत लगभग 40 रुपये है लेकिन भारी छूट के साथ 24 उपलों को 150 रुपये में खरीदा जा सकता है।

शहरी इलाकों में गोबर के उपले आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन ई-वाणिज्य की मदद से यह अब सिर्फ एक क्लिक दूर है।

ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिक्रिया देते हुए अग्रवाल ने कहा, “हमें बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, विशेष रूप से मेट्रो शहरों में, क्योंकि इन स्थआनों पर इस तरह के उत्पाद आसानी से उपलब्ध नहीं होते। इस दौरान हमारे उत्पादों का पोर्टफोलियो बढ़कर तिगुना हो गया है।”

इसके अलावा ‘वेदिक वाणी’, ‘ईपूजा स्टोर, ‘पूजा सामग्री’ और ‘व्हेयरमाईपंडित’ जैसी साइट भी हैं, जो उपभोक्ताओं को इस तरह के उत्पाद उपलब्ध कराती हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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