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अब लाल बत्‍ती को मन से भी हटाएं : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में वीआईपी कल्‍चर और लालबत्ती के प्रति लोगों के आक्रोश का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने लालबत्ती हटाने का फैसला किया है।

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अब इसे इस्‍तेमाल करने वाले लोग गाड़ी से ही नहीं, बल्कि मन से भी लालबत्ती लगाने का लालच हटाएं। उन्‍होंने कहा कि न्यू इंडिया में अब वीआईपी  की जगह ईपीआई (एवरी पर्सन इज इम्‍पार्टेंट) का दबदबा रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे देश में वीआईपी कल्चर के खिलाफ खासा गुस्सा है। लालबत्ती सिर्फ गाड़ी पर नहीं, बल्कि दिमाग पर लग जाती थी। लेकिन दिमाग में लालबत्ती अभी निकली नहीं होगी।

सामान्य मानव इसे पसंद नहीं करता है। सरकारी निर्णय से लालबत्ती का गाड़ियों से हटना एक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसे मन से निकालना ज्यादा जरूरी है। वीआईपी की जगह ईपीआई का महत्व बढ़े।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुझाव देना हमारे यहां स्वभाव का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘पहले हमारी टीम को लगता था कि ये लोगों की आदत है। लेकिन बाद में हमने पाया कि ये लोग देश को आगे बढ़ाने में प्रयत्नरत हैं। कुछ लोग अपने विचारों को व्यापक रूप देने के लिए सुझाव देते हैं।

मोदी ने उन सुझाव देने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया। पिछली बार फूड वेस्ट को बचाने के बारे में बात की थी, उसके बाद पता चला कि देश के युवा भी इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। कई जगह रोटी बैंक चल रहे हैं। समाज के सहयोग से कैसे काम होता है, यह हमने करके दिखाया है।’

पीएम ने कहा, एक समय था जब क्लाइमेट चेंज सिर्फ अकैडमिक कार्यक्रम होता था। लेकिन अब समय बदल गया है। इस बार लोगों ने गर्मियों में उन्हें क्या करना चाहिए इस पर अपने सुझाव दिए हैं। कई लोगों ने पक्षियों की चिंता करते हुए छत पर उनके लिए पानी रखने की बात कही। बच्चे इस काम को बखूबी करते हैं, लेकिन उन्हें इसका मतलब पता होना चाहिए। पीएम ने देशवासियों से कहा कि पशु पक्षियों के साथ लगाव अलग अनुभव कराया। कुछ दिनों पहले गुजरात के एक व्यक्ति ने गौरैया की कम हो रही संख्या पर अपनी चिंता व्यक्त की।

युवाओं को संबोधित करते हुए बताया कि हमारी युवा पीढ़ी को कम्फर्ट जोन में जिंदगी बिताने में ही आनंद आता है। अब परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। छुट्टियों की प्लानिंग हो चुकी होगी। पीएम ने छुट्टियों के लिए सुझाव दिए।

पीएम ने नई स्किल का अनुभव लें,  न्यू प्लेसेज और न्यू एक्सपीरियंस का अनुभव लें। इस वेकेशन में अपनी जिज्ञासा को जानने के लिए वक्त दीजिए। रिजर्वेशन लिए बिना साधारण टिकट लेकर 24 घंटे भीड़ वाले डिब्बे में जाकर देखिए। जो अनुभव छह महीने में नहीं मिला होगा वो 24 घंटे में मिलेगा। कभी गरीब बच्चों के बीच जाकर खेल खेलिए। किसी एक ऐसी संस्था के साथ जुड़िए जो यह सब करती है।

टेक्नॉलजी दूरियां कम करने के लिए आईं, लेकिन इससे घरवालों से ही दूरियां बढ़ गईं। आज प्रतिस्पर्धा का युग है। छुट्टियों में भी कोचिंग क्लास होने लगते हैं। जीवन के सपने होना अच्छी बात है, लेकिन यह भी देखिए कि कहीं हम मानवीय गुणों से दूर तो नहीं हो रहे हैं।

 

 

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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