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बिजनेस

अब सभी बड़े अस्पतालों में पेटीएम से भुगतान की सुविधा

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अब सभी बड़े अस्पतालों में पेटीएम से भुगतान की सुविधा

नई दिल्ली | अब सभी बड़े अस्पतालों में पेटीएम से भुगतान किया जा सकता है। पेटीएम ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए कंपनी ने कई अस्पताल श्रृंखलाओं के साथ साझेदारी की है। अब उपभोक्ता त्वरित रूप से और सहजता से अपने चिकित्सा खर्च का भुगतान करने हेतु इसके कैशलेस भुगतान समाधान का प्रयोग कर सकते हैं।

पेटीएम ने एक बयान में कहा कि कंपनी के नए टाई-अप में एसआरएल, थायरोकेयर, डॉ. लाल पैथलैब्स, 98.4, फोर्टिस, अपोलो फामेर्सी, मेडप्लस और अपोलो ग्रुप हॉस्पिटल्स जैसे सभी बड़े पैथोलॉजी लैब्स, डायनॉस्टिक सेंटर, फार्मेसी और अस्पतालों सहित आउट्लेट्स की एक बड़ी रेंज को शामिल किया गया है। एक दिन में 75,000 से ज्यादा लेन-देन दर्ज करते हुए, यह इस वर्ग में एक दिन में 10 लाख से ज्यादा लेन देन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।

पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष किरण वासिरेड्डी ने कहा, “हम मोबाइल भुगतान को बेहद सरल बनाने के मिशन पर हैं। भारत में सभी बड़े अस्पताल चेन्स और लैब्स में पेटीएम को सक्षम करके, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी ग्राहक को ऐसी आपात आवश्यकताओं में वहन करने के लिए नकद राशि की चिंता न करनी पड़े।”

कंपनी ने अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लांच करने तक बैंक हस्तांतरण दरों को शून्य प्रतिशत पर रखने का वादा किया है, जो प्रयोक्ताओं को शून्य शुल्क में अपने भुगतान बैंक खाते में पैसे स्थानांतरित करने की सुविधा देगा।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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