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अय्यर ने कहा, ‘नीच’, मोदी बोले- यह गुजरात का अपमान
सूरत/नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)| वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी को ‘नीच आदमी’ बोलकर चुनावी सरगर्मियों के बीच एक दूसरा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया।
वहीं, प्रधानमंत्री ने ‘आदमी’ की जगह ‘जाति’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उन्हें ‘नीच जाति’ का बताकर गुजरातियों का अपमान किया गया है, विधानसभा चुनाव में गुजरात के लोग कांग्रेस के खिलाफ मतदान कर उन्हें (अय्यर को) मुंहतोड़ जवाब देंगे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जल्द ही मोर्चा संभालते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अय्यर की ओर से प्रयुक्त शब्द की भर्त्सना की और उन्हें माफी मांगने को कहा। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए माफी मांगी कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है। वह अपनी इस बात पर कायम रहे कि उन्होंने मोदी के लिए निम्न जाति में पैदा हुआ (लो बोर्न) शब्द का प्रयोग कतई नहीं किया है, सिर्फ ‘नीच’ कहा है।
बी.आर. अंबेडकर के संदर्भ में मोदी द्वारा कांग्रेस की आलोचना पर अय्यर द्वारा की गई टिप्पणी कि ‘मोदी नीच आदमी हैं’ का जिक्र प्रधानमंत्री ने सूरत में अपनी एक चुनावी सभा में की और इस टिप्पणी को हथियार बनाकर कांग्रेस नेता पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने उनको (मोदी को) ‘नीच जाति’ का बताया।
मोदी ने कहा, वे मुझे ‘नीच जाति’ का कहकर पुकार सकते हैं। हां, मैं समाज के गरीब वर्ग से हूं और मैं अपने जीवन का हर क्षण गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गो के लिए काम करने में बिताऊंगा। यह मेरी संस्कृति है। वे अपनी भाषा पर कायम रहें और हम अपना काम करते रहेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि अय्यर एक अच्छे परिवार से आते हैं और उनके पास कई विश्वविद्यालयों की उपाधियां हैं। वह वर्षो तक कूटनीतिज्ञ रह चुके हैं और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी थे। लेकिन वह ऐसे अपमानसूचक शब्दों का प्रयोग करते हैं। मोदी ने कहा, यह गुजरात का अपमान है। यह सिर्फ गुजरात नहीं, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र का अपमान है।
मोदी ने अय्यर के लिए कहा, आप ऐसे लोग हैं जो जाति के आधार पर भेदभाव करते हैं, हम नहीं। उनको परेशानी महसूस हो रही है। आप हमें ‘गंदी नली का कीड़ा’ कहकर पुकारते हैं, आप हमें नीच जाति का कहकर बुलाते हैं, लेकिन हम अपनी संस्कृति नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि अय्यर मुगलई मानसिकता से बोल रहे हैं, जोकि हर किसी को ‘नीच’ की तरह देखती है।
उन्होंने कहा, वे हमें गधा, नीच, गंदी नाली का कीड़ा..कहकर बुलाते हैं। ऐसी गंदी भाषा का गुजरात के लोग जवाब देंगे। कांग्रेस के नेता ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। हमने उनके द्वारा काफी अपमान देखा है। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब उन्होंने मेरा अपमान किया था, मुझे मौत का सौदागर कहा था और मुझे जेल भेजने की कोशिश की थी। लेकिन, हमें ऐसे तत्वों से कुछ नहीं कहना है। हमारा जवाब मतपेटी से आएगा।
मोदी ने कहा, मेरी भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे इस पर प्रतिक्रिया न दें। लेकिन उन्हें 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को जवाब दें। हमारे लोग अपना स्तर न घटाएं। हम उन्हें सबक सिखाएंगे। मतदान के नतीजे बताएंगे कि नीच जाति का क्या मतलब होता है, जब हर कोई भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे। आप अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, लेकिन मैं घबराया हुआ नहीं हूं, क्योंकि मैंने लोगों के लिए काम किया है।
इस विवाद से कांग्रेस में घबराहट पैदा हो गई, इसलिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अय्यर की भाषा की निंदा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।
राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, भाजपा और प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी पर हमला करने के लिए नियमित तौर पर गंदी भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस की अलग संस्कृति और परंपरा है। मैं मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री के लिए प्रयुक्त लहजे व भाषा की सराहना नहीं करता हूं। मैं खुद और कांग्रेस की ओर से उनसे यह आशा करता हूं कि उन्होंने जो कुछ भी कहा है उसके लिए वह माफी मांगें।
दिल्ली के डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने अय्यर को घेरा और उनसे मोदी पर उनकी तरफ से किए हमले और माफी मांगने को लेकर राहुल गांधी के सुझाव पर उनसे सवाल किया।
इस पर अय्यर ने कहा, हां, मैंने ‘नीच’ शब्द का प्रयोग किया है। मैं हिंदी वक्ता नहीं हूं और अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता हूं। इस तरह मैंने ‘नीच व्यक्ति’ शब्द का इस्तेमाल किया। मैंने अपने दिमाग में ‘लो’ का अनुवाद किया। अगर इसका अभिप्राय कुछ और होता है तो मैं माफी मांगता हूं। जैसा कि मैं समझता हूं नीच का सीधा अनुवाद ‘लो’ है।
उन्होंने कहा, मेरा मतलब कतई लो बोर्न अर्थात निम्न जाति में पैदा हुआ नहीं था। संभव है कि हिंदी में हो, जोकि मेरी नैसर्गिक भाषा नहीं है और जिसे मैंने काफी कोशिश के बाद सीखी है। मैंने लो का अनुवाद ‘नीच’ किया। लेकिन अगर नीति का मतलब लो बोर्न भी है, तो मैं माफी मांगता हूं कि मैंने ऐसे शब्द का प्रयोग किया जिसकी व्याख्या कई तरह से की जा सकती है। उसके लिए मुझे कुछ नहीं करना है।
अय्यर ने कहा, मैं नहीं मानता कि वह (मोदी) नीच जाति के हैं, लेकिन उनकी भाषा बहुत नीच (घटिया) है। मैं अंग्रेजी में कह सकता हूं कि उनकी भाषा बहुत निम्न स्तर की है। वह कांग्रेस के लिए ऐसे अवसर पर क्यों ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मैंने जो कुछ कहा, उसकी वे गलत व्याख्या करना चाहते हैं। जहां तक मोदी के लिए मेरी टिप्पणी का सवाल है तो मोदी की कांग्रेस के लिए टिप्पणियां बहुत ही गंदी होती हैं। खासतौर से गांधी और अंबेडकर के बीच संबंधों को लेकर।
इस बीच केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस विवाद में उतरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लिए प्रयुक्त ‘नीच’ शब्द से ऐसी मानसिकता जाहिर होती है कि सिर्फ एक कुलीन परिवार ही शासक हो सकता है और बाकी सब ‘नीच’ ही हैं।
जेटली ने मोदी के लिए अय्यर की टिप्पणी का जवाब देते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री को ‘नीच’ कहकर भारत के कमजोर और पिछड़े वर्गो को चुनौती दी है। भारत के लोकतंत्र की ताकत तब प्रदर्शित होगी, जब साधारण पृष्ठभूमि का एक व्यक्ति राजनीति में वंश और उनके प्रतिनिधियों को पराजित करेगा।
जेटली ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह रोजाना प्रधानमंत्री को अपमानित करने और फिर बाद में इससे पलट जाने की कांगेस की रणनीति का हिस्सा है।
अय्यर की इस बात की तरफ कि हिंदी उनकी मातृभाषा नहीं है, इशारा करते हुए जेटली ने कहा, अगर आप अपनी भाषा और तथ्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं तो आप राजनीति में होने के योग्य नहीं हैं।
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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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