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अरुंधति, कुंदन शाह और सईद मिर्जा समेत 24 फिल्मकारों ने लौटाए नेशनल अवार्ड
नई दिल्ली। देश में ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के खिलाफ नामी-गिरामी लेखकों-साहित्यकारों और फिल्मकारों द्वारा अपने पुरस्कार और सम्मान लौटाए जाने की सूची में बॉलीवुड फिल्मकार कुंदन शाह और सईद मिर्ज़ा समेत 24 लोग शामिल हो गए हैं। उन्होंने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिए हैं। इन 24 लोगों में बुकर पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय भी शामिल हैं। उन्हें 1989 में फिल्म ‘इन विच एन्नी गिव्स इट दोज वन्स’ (In Which Annie Gives It Those Ones) के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड मिला था।
‘जाने भी दो यारों’ फिल्म बनाने वाले कुंदन शाह ने अवार्ड वापसी पर कहा कि आज के माहौल में नेशनल फिल्म अवार्ड जीतने वाली फिल्म बनाना नामुमकिन है। एक अंधकार-सा बढ़ता जा रहा है, और इससे पहले कि इस अंधकार की स्याही पूरे देश में छा जाए, हमें आवाज़ बुलंद करनी होगी। यह कांग्रेस या बीजेपी की बात नहीं, क्योंकि हमारे लिए दोनों एक जैसे हैं।
उधर, अरुंधति ने कहा कि पूरी जनता, लाखों दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई आतंक में जीने को मजबूर हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि न जाने कब-कहां से हमला हो जाए। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ राजनीतिक आंदोलन में जुड़ने में वो फक्र महसूस करती हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले इन 24 लोगों में वीरेंद्र सैनी, रंजन पालित, तपन बोस, श्रीप्रकाश, संजय काक, प्रदीप कृष्ण, तरुण भरतिया, अमिताभ चक्रवर्ती, मधुश्री दत्ता, अनवर जमाल, अजय रैना, इरीन धर मलिक, पीएम सतीश, सत्यराय नागपाल, मनोज लोबो, रफीक इलियास, सुधीर पलसाने, विवेक सच्चिदानंद, सुधाकर रेड्डी यक्कांति, डॉ मनोज निथारवाल और अभिमन्यु डांगे भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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