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अन्तर्राष्ट्रीय

अर्जेटीना में 29 साल की महिला बनी दादी

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ब्यूनस आयर्स| अर्जेटीना में एक महिला 29 साल की उम्र में ही दादी बन गई। महिला का 14 साल का बेटा पिता बना है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जेटीना के मेंदोजा राज्य के सान राफेल शहर की निवासी लूसिया डेसिरी पास्तेनेज ने अपने बेटे को एक अच्छा पिता बताया।

पास्तेनेज ने कहा, “वह अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर रहा है और उसे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के बारे में भी पता है। वह अपने बेटे का ध्यान भी रख रहा है।”

महिला ने कहा कि अधिक उम्र के कई ऐसे पिता हैं, जो अपने बच्चों की जिम्मेदारी नहीं लेते और उन्हें छोड़ देते हैं।

चार बच्चों की मां, पास्तेनेज का कहना है कि वह अपने बेटे के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करती हैं।

महिला ने कहा, “मैं अपने बेटे को अपनी प्रेमिका के साथ शादी करने का दबाव नहीं डालती हूं। मेरे पोते की मां अपने परिवार के साथ रहती है और मेरा बेटे मेरे साथ।”

हालांकि पास्तेनेज ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने बेटे को किशोरावस्था में पिता नहीं बनने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, “अब जो होना था, हो गया। हालांकि उसने जो कुछ किया है, वह मेरी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है, फिर भी मैं उसका सहयोग करना बंद नहीं करूंगी

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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