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बिजनेस

अवरुद्ध परियोजनाएं चालू करने की कोशिश जारी : जेटली

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Arun_Jaitley

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सैन फ्रांसिस्को। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि औद्योगिक तेजी लाने के लिए सरकार अवरुद्ध परियोजनाओं पर बारीकी से नजर रखे हुए है। जेटली ने यहां सोमवार को भारत में कारोबार करने वाली अमेरिकी कंपनियों के साथ एक सम्मेलन में कहा, “अवरुद्ध परियोजनाओं की बारीकी से पड़ताल की जा रही है और इस क्षेत्र में तेजी आने से औद्योगिक उत्पादों की मांग बढ़ेगी।”

सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ और अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने मिल कर किया था। मंगलवार को जारी बयान में परिसंघ ने कहा कि सम्मेलन में माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, ओरेकल, हेवलेट पैकर्ड, वीजा, फ्रैंकलीन टेंपल्टन, गूगल, सिस्को, फर्स्ट सोलर, ईबे, क्वोलकॉम, ब्लैकबेरी और सैन डिस्क जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

वित्त मंत्री ने कहा, “मानसून अनुमान सुधर रहा है। इससे कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना बढ़ी है, इससे आर्थिक विकास दर और बेहतर रहेगी।” जेटली ने इस महीने के शुरू में कहा था कि वित्त मंत्रालय ऐसी परियोजनाओं की सूची तैयार कर रहा है, जो वित्त के अभाव में अवरुद्ध हैं, ताकि उन्हें वापस शुरू करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके। इससे बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का आकार भी घटेगा। जेटली ने तब बैंकों के प्रमुखों के साथ हुई चर्चा से अलग संवाददाताओं से कहा था, “कई अवरुद्ध परियोजनाएं चालू हो चुकी हैं। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अवरुद्ध परियोजनाओं की सूची तैयार करेंगे।” जेटली के साथ न्यूयार्क, वाशिंगटन और सैन फ्रांसिस्को की 10 दिवसीय यात्रा में एक उच्चस्तरीय कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी है।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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