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असहिष्णुता के लिए भाजपा पर बरसे सोमनाथ

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कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। चटर्जी ने कहा, “लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं। विभाजन के इस तरीके से भय का माहौल पैदा करने की कोशिश हो रही है। इसमें कोई शक नहीं कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अगर प्रत्यक्ष रूप से नहीं तो परोक्ष रूप से इस काम में मदद कर रहे हैं।”

चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एच.ए.हलीम को श्रद्धांजलि देने के बाद यह बात कही। हलीम (80) का सोमवार को एक नर्सिग होम में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह लगातार 29 साल तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे। देश में आज तक किसी ने किसी भी सदन में बतौर अध्यक्ष इतने लंबे समय तक अपनी सेवा नहीं दी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

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