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आंचलिक विज्ञान नगरी में भूजल सप्ताह का शुभारम्भ

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आंचलिक विज्ञान नगरी, भूजल सप्ताह का शुभारम्भ

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लखनऊ प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में आज भूजल सप्ताह 2015 का शुभारम्भ प्रमुख सचिव लघु सिचाई एवं भूगर्भ जल विभाग उ0प्र0 सरकार चंद्र प्रकाश के कर कमलों द्वारा किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रतीक रंजन चैरसिया, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा की गयी। इस अवसर पर भरत लाल, विशेष सचिव, लघु सिचाई एवं भूगर्भ जल विभाग, उ0प्र0, डा0 पी0के0 श्रीवास्तव, पूर्व वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीडीआरआई, आर.एस.सिन्हा, वरिष्ठ हाईड्रोलाजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग, उ0प्र0 मौजूद थे।

अपने उद्घाटन सम्बोधन में चंद्र प्रकाश ने पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक संसाधन एवं जैव सम्पदा को बचाने पर ज़ोर दिया। बच्चों के साथ वार्ता करते हुए उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वे वर्षा जल संचयन के लिए सकारात्मक प्रयास करें जिससे कि भूजल की पुनः पूर्ति हो सके। हमारी पृथ्वी पर पारिस्थितिकीय संतुलन बनाये रखने के लिए उन्होंने बच्चों से सकारात्मक कदम उठाने के लिए भी कहा। संबेदनशील बच्चों ने पृथ्वी के जल रूपी बहुमूल्य संसाधन को बचाने के लिए अपनी सकारात्म सोंच उत्पन्न करने लिए प्रतिज्ञा की।

अपनी प्रेरणात्मक वार्ता में भरत लाल राय ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि जल जीवन का उद्गम है एवं प्राचीन काल की इंदूघाटी से लेकर इजिप्ट तक की अधिकतर सभ्यतायें कुछ महानदियों के किनारे ही विकसित हुईं। उन्होंने जल संकट का एक ऐतिहासिक उदाहरण दिया कि मुगल सम्राट अकबर को भी जल की कमी के कारण अपनी पूर्णरूप से विकसित राजधानी फतेहपुर सीकरी से हटाने पर मजबूर होना पड़ा। इसलिए हम सभी को भूजल बचाने हेतु निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है अन्यथा निकट भविष्य में मानव जाति को घोर संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जनसमुदाय में ऐसी जनजागरूकता फैलाने के महत्व को प्रकाशित करते हुए श्री प्रतीक रंजन चैरसिया ने कहा कि पिछले दो दशको से मानवीय गतिविधियों के कारण भूजल स्तर बहुत तेजी से गिर रहा है अतः अब समय आ गया है कि हम भूजल को अपनी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित करें। ऐसे समारोह कार्यक्रम जनजागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें।

अपने परिचायक सम्बोधन में सौमेन घोष, क्यूरेटर, आंचलिक विज्ञान नगरी ने कहा कि यह समारोह भूजल स्तर के संरक्षण के प्रति जन जागरूकता फैलाने हेतु एक प्रयास है जिससे कि वर्षा जल भण्डरण का उचित उपयोग हो सके। भूजल शीर्षक पर आधारित विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम सप्ताह भर आयोजित किये जायेंगे। पूरे सप्ताह भर चलने वाले विविध कार्यक्रमों में प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, नारा लेखन, कठपुतली प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक, फिल्म प्रदर्शन, जल मेला इत्यादि प्रतियोगितायें शामिल हैं। आज के कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के लगभग पांच सौ विद्यार्थियों एवं शिक्षक मौजूद थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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