प्रादेशिक
आंचलिक विज्ञान नगरी में होगा नगर स्तरीय विज्ञान मेले का आयोजन
लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ में नगर स्तरीय विज्ञान मेला का आयोजन दिनांक 17 से 19 दिसंबर, 2015 के मध्य लखनऊ के विद्यालयों के विद्यार्थियों हेतु किया जा रहा है। व्यक्तिगत और सामूहिक वर्ग में लगभग 35 प्रोजेक्ट मेले में प्रतिभागिता करेंगे। विज्ञान मेले का उद्घाटन दिनांक 17.12.2015 को पूर्वान्ह 11.30 बजे प्रोफेसर ए.एस. विद्यार्थी, निदेशक, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी संस्थान, लखनऊ द्वारा किया जायेगा। नगर स्तरीय विज्ञान मेले का उद्देश्य युवाओं के मस्तिष्क में वैज्ञानिक सोच, समस्याओं को खोजने एवं अनुसंधान की प्रवृत्ति को जागृत करना है। विज्ञान माडल विद्यार्थियों के लिए पूछताछ पर आधारित सीखने का एक उत्कृष्ट तरीका है, जिसमें विज्ञान शिक्षा को बेहतर करने का मौका होता है। विद्यार्थी केवल व्याख्यान एवं पुस्तकों द्वारा ही नहीं बल्कि अनुसंधान एवं प्रयोगों द्वारा भी सीखते हैं।
यह नगर के विभिन्न विद्यालयों के युवा वैज्ञानिकों को साथ लाकर उनमें प्रतियोगिता कराने, उन्हें पुरस्कृत करने, भविष्य के अनुसंधान के लिए नये सहयोग स्थापित करने का प्रयास है तथा दूसरे संस्थाओं के विद्यार्थियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने तथा नये मित्र बनाने का अवसर प्रदान करता है। रूचिकर प्रोजेक्ट/माॅडलों के रूप में रचनात्मकता का प्रदर्शन होता है। प्रतिभागिता दो वर्गों व्यक्तिगत श्रेणी (1 छात्र प्रति प्रोजेक्ट) और सामूहिक श्रेणी (2 छात्र प्रति प्रोजेक्ट) में आयोजित होगी। प्रत्येक श्रेणी के विजेता राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली में जनवरी, 2016 के तृतीय सप्ताह में आयोजित होने वाले उत्तर क्षेत्रीय विज्ञान मेले में भाग लेंगे। मेला छात्रों तथा जनसामान्य को देखने के लिए दिनांक 17 दिसंबर को पूर्वान्ह 11.30 बसे से दिनांक 19.12.2015 को दोपहर 12 बजे तक खुला रहेगा। केन्द्र प्रातः 10 से सायं 5.30 बजे तक खुला रहता है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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